छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में किरंदुल-कोत्तावालसा (केके) रेल लाइन के चिमड़ीपल्ली और टायदा स्टेशनों के बीच एक बड़ा हादसा हुआ। लौह अयस्क लेकर विशाखापत्तनम जा रही मालगाड़ी के 37 डिब्बे अंतागिरी पर्वत की सुरंग में पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना से रेलवे को करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका है, क्योंकि कई डिब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
यह रेल खंड अपनी सर्पाकार और खतरनाक भौगोलिक स्थिति के कारण पहले से ही संवेदनशील माना जाता है। हादसे के बाद विशाखापत्तनम-किरंदुल नाइट एक्सप्रेस को रायगढ़ा के वैकल्पिक मार्ग से चलाया जा रहा है, जबकि कई यात्री और मालगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है। इससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। विशाखापत्तनम रेल मंडल के डीआरएम, एडीआरएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। राहत और बचाव कार्य के लिए अरकू, एस्कोटा, विशाखापत्तनम और कोरापुट से 5 एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेनें, मानसून रिलीफ ट्रेन और क्रेनें मौके पर भेजी गईं। ये कार्य युद्धस्तर पर डीआरएम की निगरानी में चल रहे हैं।
रेलवे ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने और यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति जांचने की अपील की है। प्रभावित कोरापुट-कोट्टवालसा खंड में मरम्मत कार्य तेजी से जारी है, ताकि रेल सेवाएं जल्द बहाल हो सकें। इस रेल खंड पर मुख्य रूप से मालगाड़ियों का संचालन होता है, लेकिन कुछ यात्री ट्रेनें भी विजयनगरम और रायगढ़ा के रास्ते डायवर्ट की गई हैं।
रेलवे प्रशासन ने संसाधनों को तेजी से जुटाकर मरम्मत कार्य में तेजी लाने का आश्वासन दिया है, ताकि इस महत्वपूर्ण रेल मार्ग पर यातायात सामान्य हो सके।











