
वन अधिकार प्रकोष्ठ के जिला समन्वयक एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण
रायपुर-वन अधिकार अधिनियम, 2006 एवं नियम 2007 (यथा संशोधित नियम 2012) के उचित क्रियान्वयन के संबंध में 13 एवं 14 फरवरी को आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थित प्रशिक्षण हॉल में वन अधिकार प्रकोष्ठ के जिला समन्वयक एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कुल 47 जिला समन्वयक एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी द्वारा समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए वन अधिकार अधिनियम के प्रकोष्ठ के संबंध में विस्तृत चर्चा की और अधिनियम के उचित क्रियान्वयन हेतु ग्राम सभा को सशक्त बनाए जाने पर बल दिया। श्रीमती आबिदी ने कहा कि कोई भी पात्र हितग्राही इस योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसके लिए जिला समन्वयक एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का अधिनियम के सभी पहलुओं से भली भांति अवगत होना बहुत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई है। इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं। अपर संचालक संजय गौड़ ने उद्घाटन सत्र में कार्यशाला के महत्व एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वन अधिकार पत्र वितरण राज्य सरकार की एक अति महत्वाकांक्षी योजना है। छत्तीसगढ़ राज्य वन अधिकार पत्र वितरण में देश के अग्रणी राज्यों में है। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला समन्वयक एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की प्रभावी भूमिका पर बल दिया। उपायुक्त प्रज्ञान सेठ ने भी वन अधिकार अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए मैदानी स्तर पर इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया गया। कार्यशाला में ग्राम सभा और उसकी भूमिका, कोरम, अनुभाग स्तरीय समिति, जिला स्तरीय समिति एवं राज्य स्तरीय समिति और इसके कार्य, जनजातीय कार्य मंत्रालय और इसकी भूमिका, सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार विषय पर प्रशिक्षण, सीआर और सीएफआर के बीच अंतर स्पष्ट किया गया। इसके अलावा दावा दाखिल करने की प्रक्रिया-फ्ॅलो चार्ट, सीएफआर मैपिंग के लिए जीपीएस, जीआईएस का उपयोग और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान आनॅलाइन एण्ट्री की प्रक्रिया पर आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा तैयार डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रस्तुतीकरण भी किया गया।