
जी-20 के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (टीडब्ल्यूजी) यानी पर्यटन कार्य समूह की बैठक भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर है। पूर्वोत्तर भारत के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी शहर में इसकी द्वितीय बैठक का आयोजन महत्वपूर्ण है। केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति एवं पूर्वोत्तर विकास मामलों के मंत्री जी. किशन रेड्डी ने रविवार को सिलीगुड़ी के निकट न्यू चामटा स्थित मेफेयर टी रिसार्ट में आयोजित जी-20 के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (टीडब्ल्यूजी)की द्वितीय बैठक के उद्घाटन सत्र में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने भारत में पर्यटन के विकास के लिए समग्र पर्यटन नीति तैयार की है। अब हमारा पर्यटन मानचित्र ऐसा होगा जिसमें देश के समस्त पर्यटन स्थल एक-दूसरे से जुड़े होंगे। जहां निजता के साथ-साथ व्यापकता भी समाहित होगी। नई पर्यटन नीति देश के पर्यटन विकास की परिस्थितियों में सुधार कर रही है, उद्योगों का समर्थन कर रही है। 2047 तक भारत को एक ट्रिलियन अमेरिकी डालर की पर्यटन अर्थव्यवस्था बनाने का है लक्ष्य है।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन के नए आईने में सिलीगुड़ी व दार्जिलिंग समेत पूरे उत्तर बंगाल में आप जहां भी जाएंगे एक अलग ही दुनिया का दीदार होगा। कहीं, मंदिर व मठों में आध्यामिकता का दर्शन होगा तो कहीं पहाड़, नदी, झरने, जंगल व अति सुंदर चाय बागानों में मनोरम प्रकृति दिखेगी तो कहीं विशाल वन क्षेत्र एवं राष्ट्रीय उद्यानों में वन्य प्राण का अद्भुत रोमांच नजर आएगा, तो कहीं चारों ओर इतिहास ही इतिहास को देख पाएंगे तो जगह-जगह ट्रेकिंग, कैंपिंग, राफ्टिंग आदि के साहसिक पर्यटन एडवेंचर टूरिज्म से भी रू-ब-रू हो सकेंगे। उन्होंने यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की ट्वाय ट्रेन का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि, पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग की हसीन वादियों में इस ऐतिहासिक ट्रेन से सफर का अलग ही आनंद है।
मंत्री ने बताया कि, गत फरवरी में गुजरात के कच्छ में हुई जी-20 के टीडब्ल्यूजी की बैठक में हरित पर्यटन, डिजिटलाइजेशन, दक्षता विकास, पर्यटन उद्यम एवं पर्यटनस्थल प्रबंधन, इन पांच पहलुओं को तय करते हुए इन्हें ही केंद्रित कर पर्यटन के समग्र विकास पर मंथन की दिशा निर्धारित की गई। इसी पर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, इस दूसरी जी-20 टीडब्ल्यूजी बैठक का विजन घरेलू पर्यटन को मिशन के तौर पर पेश करना है। यह भारत को पर्यटन क्षेत्र में अपनी क्षमता को अधिकतम करने में भी मदद करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि, पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ‘विजन इंडिया-2023’ के तहत चल रही है। यह विजन इंडिया-2023 एक अनूठा सामूहिक क्षण है जो दुनिया को ऐतिहासिक युग में भारत की खोज के लिए आमंत्रित करता है। हम भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ति उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। अब हमारी दृष्टि 2047 तक भारत को एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था बनाने की है। इसे प्राप्त करने के लिए भारत सरकार, प्राइवेट-पब्लिक-पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल के तहत विभिन्न पहल पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
सुबह सिलीगुड़ी में जी-20 देशों एवं आमंत्रित देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री, जान बारला ने कहा कि, पश्चिम बंगाल एक ऐसी भूमि है जहां से भारत को अपना राष्ट्रगान मिला। मध्ययुगीन काल से ही, साहित्य, कला, संस्कृति के क्षेत्र में बंगाल भारत का सबसे समृद्ध हिस्सा रहता आया है। बंगाल की धरती ऐसे कई साहित्यकारों व रत्नों की धरती है जिन्हें दुनिया ने सम्मानित किया है। उनमें रवींद्र नाथ टैगोर, अमर्त्य सेन, संत मदर टेरेसा व सी.वी. रमन आदि कई नाम शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, पश्चिम बंगाल न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के लिए भी एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है और इसलिए देश के इस हिस्से में और अधिक विश्व-निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए पर्यटन का बुनियादी ढांचा मजबूत कर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
इस बैठक में जी-20 देशों एवं आमंत्रित देशों के प्रतिनिधियों ने भी आपसी समन्वय संग पर्यटन विकास सुनिश्चित करने के विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। दिन की शुरुआत जी-20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा मेफेयर टी रिसार्ट में आयोजित योग सत्र से हुई। उसके बाद हिमालयन ड्राइव कार रैली को भी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। इसमें दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट व अन्य कई आला अधिकारी एवं जी-20 देशों व आंमत्रित देशों के 130 प्रतिनिधि सम्मिलित रहे।