रायपुर, 02 जुलाई 2024 – छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी पर्यटन राज्य बनाने और राज्य की संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से आज राज्य नीति आयोग में गहन विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन 2047” डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने अपने विचार रखे। अटल नगर, नया रायपुर स्थित राज्य नीति आयोग के सभाकक्ष में समिति के सदस्यों ने लघु, मध्यम और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर सुझाव दिए।
बैठक में राज्य के पर्यटन स्थलों में अधोसंरचना विकास, नई योजनाओं की तैयारी, नए पर्यटन सूचना केंद्रों की स्थापना, ट्राइबल टूरिज्म सर्किट और ट्राइबल थीम के पर्यटन डेस्टिनेशन के विकास पर विस्तृत चर्चा की गई। एडवेंचर गतिविधियों के विकास और निजी निवेशकों को आमंत्रित करने, बस्तर दशहरा, भोरमदेव महोत्सव, सिरपुर महोत्सव और अन्य स्थानीय महोत्सवों को बढ़ावा देने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में हस्तशिल्पियों को आकर्षक बाजार उपलब्ध कराने, संगीत और नृत्य के कलाकारों को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करने, स्थानीय तीज-त्योहारों, साहित्य, लोक कथाओं और ज्ञान को संरक्षित करने पर गहन विचार किया गया। स्थानीय खान-पान और तकनीकों के संरक्षण तथा नवाचार के लिए प्रोत्साहन, रचनात्मकता और कला कौशल के विकास सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई।
विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की जिम्मेदारी राज्य नीति आयोग को सौंपी गई है। सितंबर 2024 तक विजन डॉक्यूमेंट का अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की गई है, इसके लिए अलग-अलग विषयों पर आठ वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं।
बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य के. सुब्रमण्यम, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित अन्य सदस्यों ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु, मध्यम एवं दीर्घकालिक विजन एवं रणनीतियों पर सुझाव दिए।
बैठक में के. सुब्रमण्यम ने छत्तीसगढ़ में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने, पर्यटन से राज्य की जीडीपी में योगदान बढ़ाने, बुनियादी ढांचे के विकास में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने, पर्यटन सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और विकास तथा मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग अभियान को नीति दस्तावेज में शामिल करने के सुझाव दिए।
बैठक में राज्य की जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने, वनस्पतियों और जीवों से युक्त विशाल वन क्षेत्र को पर्यावरण पर्यटन के रूप में विकसित करने, वैलनेस टूरिज्म, कृषि पर्यटन एवं मनोरंजन पार्क विकसित करने, टिकाऊ, समावेशी और जिम्मेदार पर्यटन, छत्तीसगढ़ को प्रमुख पर्यटन ब्रांड के रूप में स्थापित करने, पर्यटन केंद्रों को संचालित करने, स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और रोजगार उपलब्ध कराने, तथा छत्तीसगढ़ को एक सुरक्षित राज्य के रूप में प्रचार-प्रसार करने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में उद्योग विभाग, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, वन, पर्यटन, जनसंपर्क, राज्य नगरीय विकास प्राधिकरण, परिवहन एवं विमानन सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।