- नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली पाठ्यक्रम में हो रहा बदलाव, छत्तीसगढ़ पहला राज्य

छत्तीसगढ़ में स्कूली पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बनाने के लिए राज्य स्तरीय पाठ्यपुस्तक लेखन उन्मुखीकरण कार्यशाला शुरू की गई है। इस कार्यशाला में अगले साल से कक्षा पहली से तीसरी और छठवीं की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव की योजना बनाई जा रही है। रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला में एनसीईआरटी और एससीईआरटी के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा कि फाउंडेशनल स्टेज के विद्यार्थियों को उनकी स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए और पाठ्यपुस्तकों में प्रैक्टिकल अप्रोच का समावेश होना चाहिए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ वर्तमान में 20 भाषाओं में काम कर रहा है और पाठ्यपुस्तकों को स्थानीयता के अनुसार रचनात्मक और आकर्षक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
एनसीईआरटी नई दिल्ली की पाठ्यचर्या विभाग की प्रमुख ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यपुस्तक निर्माण की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम बनाते समय स्थानीय भाषा और विशेषताओं को ध्यान में रखा जाएगा।

एससीईआरटी के डायरेक्टर ने कहा कि पाठ्यपुस्तकें ऐसी बनाई जाएं जो लंबे समय तक प्रासंगिक रहें। कार्यक्रम में शामिल अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। इस कार्यशाला में एनसीईआरटी और एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञों सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिक्षाविद् भी उपस्थित थे।