
रायपुर, 16 जुलाई 2024 – कवर्धा के सोनवाही गांव में बैगा आदिवासियों की मृत्यु के संबंध में की गई जांच में यह पाया गया कि मौत का कारण डायरिया नहीं था, बल्कि विभिन्न अन्य कारणों से यह मौतें हुईं। कलेक्टर के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय टीम ने यह जांच की। टीम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शामिल थे।
जांच टीम ने ग्राम का दौरा कर और ग्रामवासियों तथा मृतकों के परिजनों से चर्चा कर यह निष्कर्ष निकाला। फुलबाई नामक महिला के पति ने बताया कि उन्होंने जंगली मशरूम खाया था, जिसके बाद उनकी पत्नी और बेटे की तबीयत बिगड़ी और पत्नी की मृत्यु हो गई। सुरेश धुर्वे नामक व्यक्ति ने पेट दर्द की शिकायत के बावजूद घरेलू उपचार को प्राथमिकता दी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। ललेश्वरी नामक महिला की प्रसव के बाद अपने मायके में तबीयत बिगड़ने से मृत्यु हो गई। सोनसिंह की मृत्यु की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।
जांच के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नए बोरवेल में पम्प स्थापित कर पाइप लाइन के माध्यम से घरों में पानी की आपूर्ति की जा रही है। स्वास्थ्य कर्मियों और मितानिनों द्वारा डोर-टू-डोर फीवर सर्वे और स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वर्तमान में ग्राम सोनवाही की स्थिति सामान्य है।