भक्ति कितने प्रकार की होती है? क्या आप जानते हैं…


शास्त्रों में भक्ति के नौ प्रकार बताए गए हैं जिसे नवधा भक्ति कहते हैं ?

श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम् ।
अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम् ॥
(…श्रीमद्भागवत)

१-श्रवण (परीक्षित), २-कीर्तन (शुकदेव),
३-स्मरण (प्रह्लाद),
४-पादसेवन (लक्ष्मी),
५-अर्चन (पृथुराजा),
६-वंदन (अक्रूर),
७-दास्य (हनुमान),
८-सख्य (अर्जुन), और
९-आत्मनिवेदन (बलि राजा) – इन्हें नवधा भक्ति कहते हैं।


श्रवण:- ईश्वर की लीला, कथा, महत्व, शक्ति, स्त्रोत्र इत्यादि को परम श्रद्धा सहित अतृप्त मन से निरंतर सुनना।
कीर्तन:- ईश्वर के गुण, चरित्र, नाम, पराक्रम आदि का आनंद एवं उत्साह के साथ कीर्तन करना।
स्मरण– निरंतर अनन्य भाव से परमेश्वर का स्मरण करना, उनके महात्म्य और शक्ति का स्मरण कर उस पर मुग्ध होना।
पाद सेवन:- ईश्वर के चरणों का आश्रय लेना और उन्हीं को अपना सर्वस्य समझना।
अर्चन: मन, वचन और कर्म द्वारा पवित्र सामग्री से ईश्वर के चरणों का पूजन करना।
वंदन:- भगवान की मूर्ति को अथवा भगवान के अंश रूप में व्याप्त भक्तजन, आचार्य, ब्राह्मण, गुरूजन, माता-पिता आदि को परम आदर सत्कार के साथ पवित्र भाव से नमस्कार करना या उनकी सेवा करना।
दास्य:- ईश्वर को स्वामी और अपने को दास समझकर परम श्रद्धा के साथ सेवा करना।
सख्य:- ईश्वर को ही अपना परम मित्र समझकर अपना सर्वस्व उसे समर्पण कर देना तथा सच्चे भाव से अपने पाप पुण्य का निवेदन करना।
आत्म निवेदन:- अपने आपको भगवान के चरणों में सदा के लिए समर्पण कर देना और कुछ भी अपनी स्वतंत्र सत्ता न रखना। यह भक्ति की सबसे उत्तम अवस्था मानी गई हैं। नवधा भक्ति :- भगवान को पाने के नौ आसान रास्ते:- आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर किसी के पास घंटों मंदिर में बैठकर पूजन, हवन या यज्ञ करने का समय नहीं है, न ही कोई रोज तीर्थ दर्शन कर सकता है। फिर भगवान की भक्ति कैसे की जाए? क्या आपको पता है कि भक्ति के नौ तरीके होते हैं, आध्यात्म की भाषा में इसे नवधा भक्ति कहते हैं। इसमें भगवान को याद करने या उपासना करने के नौ तरीके दिए गए हैं, जिससे आप बिना मंदिर जाए, बिना पूजा-पाठ और बिना तीर्थ दर्शन के भी कर सकते हैं।

Read Also  क्या आपके कुंडली में भी है मंगल दोष, परेशान न हों करिए यह अचूक उपाय


ये नौ तरीके जिन्हें नवधा भक्ति कहते हैं, इतने आसान है कि इन्हें कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है।
रामचरितमानस में भी भगवान राम ने भक्ति के ये नौ प्रकार बताए हैं। इनमें से किसी एक को ही अपनाकर हम भगवान के निकट पहुंच सकते हैं। ये नौ ही प्रयास ऐसे हैं जिनमें हमें कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं करना है। बस केवल अपने व्यवहार में उतारना भर है, इसके बाद भगवान स्वयं ही मिल जाएंगे। जानते हैं भगवान की नौ तरह से भक्ति के नाम और व्यावहारिक अर्थ –
1. संतो का सत्संग – संत यानि सज्जन या सद्गुणी की संगति।
2. ईश्वर के कथा-प्रसंग में प्रेम – देवताओं के चरित्र और आदर्शों का स्मरण और जीवन में उतारना।
3. अहं का त्याग – अभिमान, दंभ न रखना। क्योंकि ऐसा भाव भगवान के स्मरण से दूर ले जाता है। इसलिए गुरु यानि बड़ों या सिखाने वाले व्यक्ति को सम्मान दें।
4. कपट रहित होना – दूसरों से छल न करने या धोखा न देने का भाव।
5. ईश्वर के मंत्र का जप – भगवान में गहरी आस्था, जो इरादों को मजबूत बनाए रखती है।
6. इन्द्रियों का निग्रह – स्वभाव, चरित्र और कर्म को साफ रखना।
7. प्रकृति की हर रचना में ईश्वर देखना – दूसरों के प्रति संवेदना और भावना रखना। भेदभाव, ऊंच नीच से परे रहना।
8. संतोष रखना और दोष दर्शन से बचना – जो कुछ आपके पास है उसका सुख उठाएं। अपने अभाव या सुख की लालसा में दूसरों के दोष या बुराई न खोजें। इससे आपवैचारिक दोष आने से सुखी होकर भी दु:खी होते है। जबकि संतोष और सद्भाव से ईश्वर और धर्म में मन लगता है।
9. ईश्वर में विश्वास – भगवान में अटूट विश्वास रख दु:ख हो या सुख हर स्थिति में समान रहना। स्वभाव को सरल रखना यानि किसी के लिए बुरी भावना न रखना। धार्मिक दृष्टि से स्वभाव, विचार और व्यवहार में इस तरह के गुणों को लाने से न केवल ईश्वर की कृपा मिलती है बल्कि सांसारिक सुख-सुविधाओं का भी वास्तविक आनंद मिलता है।

Read Also  सौम्या और रानू साहू कल तक ईओडब्ल्यू की रिमांड


श्रीरामचरितमानस में नवधा भक्ति :- भगवान् श्रीराम जब भक्तिमती शबरीजी के आश्रम में आते हैं तो भावमयी शबरीजी उनका स्वागत करती हैं, उनके श्रीचरणों को पखारती हैं, उन्हें आसन पर बैठाती हैं और उन्हें रसभरे कन्द-मूल-फल लाकर अर्पित करती हैं। प्रभु बार-बार उन फलों के स्वाद की सराहना करते हुए आनन्दपूर्वक उनका आस्वादन करते हैं। इसके पश्चात् भगवान् राम शबरीजी के समक्ष नवधा भक्ति का स्वरूप प्रकट करते हुए उनसे कहते हैं कि..
नवधा भक्ति कहउँ तोहि पाहीं। सावधान सुनु धरु मन माहीं॥
प्रथम भगति संतन्ह कर संगा।
दूसरि रति मम कथा प्रसंगा॥
श्रीरामजी शबरी से कहते हैं कि मैं तुझसे अपनी नवधा भक्ति कहता हूँ, तू सावधान होकर सुन! और मन में धारण कर।
पहली भक्ति है संतों का सत्संग।
दूसरी भक्ति है मेरे कथा प्रसंग में प्रेम।
गुरु पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान।
चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान॥
तीसरी भक्ति है अभिमान रहित होकर गुरु के चरण कमलों की सेवा,
और चौथी भक्ति यह है कि कपट छोड़ कर मेरे गुन समूहों का गान करें।
मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा।
पंचम भजन सो बेद प्रकासा॥
छठ दम सील बिरति बहु करमा।
ननिरत निरंतर सज्जन धरमा॥


मेरे (राम) मंत्र का जाप और मुझमें दृढ़ विश्वास-यह पांचवी भक्ति है जो वेदों में प्रसिद्द है।
छठी भक्ति है इन्द्रियों का निग्रह, शील (अच्छा सवभाव या चरित्र), बहुत कार्यों से वैराग्य और निरंतर संत पुरुषों के (आचरण) में लगे रहना
सातवँ सम मोहि मय जग देखा।
मोते संत अधिक करि लेखा॥
आठवँ जथालाभ संतोषा।
सपनेहुँ नहिं देखइ परदोषा॥


सातवीं भक्ति है जगत भर को सम भाव से मुझमें ओत-प्रोत (राममय) देखना और संतों को मुझसे भी अधिक करके मानना।
आठवीं भक्ति है जो कुछ मिल जाए उसी में संतोष करना और स्वप्न में भी पराये दोषों को न देखना।

Read Also  जानिए मकर संक्रांति में क्या है खास, सिंह मे सवार है संक्रांत


नवम सरल सब सन छलहीना।
मम भरोस हियँ हरष न दीना।।
नव महुँ एकउ जिन्ह कें होई।
नारि पुरुष सचराचर कोई॥


नवीं भक्ति है सरलता और सबके साथ कपट रहित बर्ताव करना। हृदय में मेरा भरोसा रखना और किसी भी अवस्था में हर्ष और दैन्य (विषाद) का न होना।
इन नवों में से जिनके एक भी होती है, वह स्त्री पुरूष, जड़ चेतन कोई भी हो..!


सोइ अतिसय प्रिय भामिनि मोरें।
सकल प्रकार भगति दृढ़ तोरें।।
जोगि बृंद दुरलभ गति जोई।
तो कहुँ आजु सुलभ भइ सोई॥


हे भामिनी! मुझे वही अत्यन्त प्रिय है! फिर तुझमें तो सभी प्रकार की भक्ति दृढ़ है, अतएव जो गति योगियों को भी दुर्लभ है, वही आज तेरे लिये सुलभ हो गई।
…..इस प्रसंग के शुरू में ही श्री राम ने साफ शब्दों में कहा है कि मैं सिर्फ़ एक भक्ति का ही सम्बन्ध जनता हूँ।
जाति, पाँति, कुल, धर्म, बड़ाई, धन, बल, कुटुंब, गुण और चतुरता-इन सबके होने पर भी भक्ति रहित मनुष्य कैसा लगता है जैसे जलहीन बादल (शोभाहीन) दिखाई देता है।

जय श्री सीताराम

Share The News




CLICK BELOW to get latest news on Whatsapp or Telegram.

 


नान घोटाले में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को जमानत

By Reporter 1 / October 17, 2025 / 0 Comments
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले मामले में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और IAS अनिल टुटेजा को रायपुर की विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद अनिल टुटेजा अभी जेल में रहेंगे, क्योंकि शराब घोटाले मामले...

मौसम का बदला मिजाज : रायपुर समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना, बढ़ेगी ठंड

By User 6 / October 20, 2025 / 0 Comments
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून का सीजन अब समाप्ति की ओर है, लेकिन मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। राज्य के कई हिस्सों में सुबह-शाम कोहरा छा रहा है और गुलाबी ठंड का एहसास होने लगा है। मौसम...

दिवाली 2025: दक्षिणावर्ती शंख की पूजा से मिलता है अपार धन, जानें लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

By User 6 / October 20, 2025 / 0 Comments
दिवाली की शुभकामनाएं! दीपावली का पर्व न केवल दीपों की जगमगाहट और आतिशबाजियों की चमक का उत्सव है, बल्कि यह धन, समृद्धि और सुख-शांति की कामना का प्रतीक भी है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की...

स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने भरी पहली उड़ान

By Rakesh Soni / October 17, 2025 / 0 Comments
भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने आज अपनी पहली उड़ान भरी। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड के नासिक स्थित एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिविजन में यह उड़ान हुई। भारत में लड़ाकू विमान निर्माण की दिशा में यह अहम पल है। इस ऐतिहासिक...

बाकरवाड़ी बनाने के 5 सीक्रेट टिप्स…जिससे बनेगी क्रिस्पी और टेस्टी, दिवाली पर मेहमानों को खिलाएं और पाएं तारीफ

By User 6 / October 17, 2025 / 0 Comments
दिवाली का त्योहार स्वादिष्ट पकवानों और खुशियों का प्रतीक है। इस मौके पर गुजिया, नमकीन और मठरी तो सभी बनाते हैं, लेकिन इस बार कुछ नया ट्राय करें। महाराष्ट्र की फेमस भाकरवाड़ी बनाकर मेहमानों को चौंकाएं। यह क्रिस्पी और मसालेदार...

‘नागिन 7’ का नया प्रोमो हुआ रिलीज

By Reporter 1 / October 19, 2025 / 0 Comments
टेलीविजन का चर्चित सुपरनैचुरल शो ‘नागिन’ इस दिवाली एक नए रूप में दर्शकों के सामने आ रहा है। एकता कपूर के प्रोडक्शन हाउस की यह हिट सीरीज अब अपने सातवें सीजन के साथ धमाका करने को तैयार है। मेकर्स ने...

छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की नई अध्यक्ष बनीं मोना सेन

By Reporter 1 / October 18, 2025 / 0 Comments
छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध फिल्म और संगीत कलाकार मोना सेन को छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस संबंध में संस्कृति विभाग, महानदी भवन की ओर से आज आधिकारिक आदेश जारी किया गया। मोना सेन ने लंबे...

आज का राशिफल

By Reporter 1 / October 19, 2025 / 0 Comments
मेष राशि : आज का दिन आपके लिए व्यवसाय में नई-नई योजनाओं को बनाने के लिए रहेगा। वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा। आपको कोई जिम्मेदारी भरा काम सौंपा जाए, तो आप उसे समय रहते पूरा करने की कोशिश करें। विद्यार्थी परीक्षा...

गोवर्धन पूजा अवकाश संशोधित, अब इस तारीख को रहेगा अवकाश

By Reporter 1 / October 17, 2025 / 0 Comments
पहले 21 अक्टूबर 2025 को गोवर्धन पूजा के अवसर पर घोषित स्थानीय अवकाश को संशोधित कर दिया गया है। अब इस स्थान पर 10 दिसंबर 2025 को शहीद वीर नारायण सिंह बलिदान दिवस के रूप में स्थानीय अवकाश रहेगा। कलेक्टर...

आज का राशिफल

By Reporter 1 / October 17, 2025 / 0 Comments
मेष राशि : आज का दिन आपके लिए समस्याओं से भरा रहने वाला है। आपको एक के बाद एक समस्या रहने से आपका मन परेशान रहेगा, इसलिए आपको अपनी वाणी पर संयम रखना होगा। अपने कामों को भी थोड़ा धैर्य...

Leave a Comment