छत्तीसगढ़ सरकार अब राज्य के दूरदराज और कम यात्री परिवहन सुविधा वाले ग्रामीण इलाकों में सस्ती और सुलभ बस सेवा शुरू करने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत पहले चरण में 100 बसें चलाई जाएंगी। सरकार का लक्ष्य है कि जिन गांवों में सड़क तो है, लेकिन यात्री वाहन नहीं चलते, वहां तक परिवहन की सुविधा पहुंचाई जाए।
इस योजना बस संचालकों को प्रति किलोमीटर 26 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी, ताकि वे घाटे के डर से इन रूटों से दूरी न बनाएं। इसके लिए राज्य सरकार ने पहले साल के लिए ₹25 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। इससे किसान, मजदूर, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी व ग्रामीण नागरिकों को जनपद, तहसील और जिला मुख्यालयों तक आवागमन की सुविधा प्राप्त होने से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों तक सुलभ पहुंच संभव होगी।
राज्य स्तरीय समिति की बैठक में बस्तर और सरगुजा संभाग के 71 नए ग्रामीण मार्गों को चिन्हित किया गया है, जिनमें बस्तर के 55 और सरगुजा के 16 मार्ग शामिल हैं। बस्तर संभाग से दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव और नारायणपुर जिले से प्रस्ताव मिले हैं, जबकि सरगुजा संभाग से जशपुर, बलरामपुर, सरगुजा और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों से नए मार्गों की सिफारिश की गई है। यह पहल उन गांवों के लिए वरदान साबित होगी, जहां आज भी पैदल या निजी साधनों से सफर करना मजबूरी है।
बस्तर के दंतवोड़ा से 9, सुकमा से 2, बस्तर से 11, बीजापुर से 14, कोण्डागांव से 16 और नारायणपुर से 3 प्रस्ताव नवीन ग्रामीण मार्गों के विनिर्धारण के लिए प्रस्ताव मिले है। इसी प्रकार से सरगुजा संभाग के अंतर्गत जशपुर जिले से 2, सरगुजा से 2, बलरामपुर से 7 और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले से 9 प्रस्ताव नवीन ग्रामीण मार्गों के लिए प्राप्त हुए।
योजना के तहत 18 से 42 सीटर हल्के और मध्यम वाहनों को लाइसेंस दिया जाएगा। बसों के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से चयन किया जाएगा। साथ ही, वाहन मालिकों को पहले तीन साल तक मासिक टैक्स में पूर्ण छूट दी जाएगी, ताकि वे इस सेवा को शुरू करने के लिए प्रोत्साहित हों।
योजना में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, खासतौर पर एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं और नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को। इसके साथ ही दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, चलने में असमर्थ दिव्यांगजन, 80 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक और एड्स पीड़ितों को एक परिचारक के साथ यात्रा में पूरी तरह से किराया मुक्त सुविधा दी जाएगी। वहीं, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के यात्रियों को आधा किराया ही देना होगा।
योजना में प्रावधान किया गया है कि पहले वर्ष में प्रति किलोमीटर ₹26, दूसरे वर्ष में ₹24 और तीसरे वर्ष में ₹22 की सरकारी सहायता मिलेगी, जिससे लंबी अवधि तक बस सेवा का संचालन संभव हो सके। इसका उद्देश्य है कि धीरे-धीरे बस संचालन आत्मनिर्भर बने और ग्रामीण परिवहन की मजबूत व्यवस्था खड़ी हो।









