–डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 2 साल में 2737 प्रकरणों की सुनवाई में 846 मामले हुए नस्तीबद्ध
-124 जनसुवाईयों में पूरे छत्तीसगढ़ का दो बार दौरा हुआ पूर्ण
रायपुर। डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षतामें छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग का 2 साल का रिपोर्ट कार्ड उपलब्धियों से भरा रहा है। इस दौरान महिला आयोन ने 124 जनसुवाईयों में पूरे छत्तीसगढ़ का दो बार दौरा किया। वहीं 2 साल में 2737 प्रकरणों की सुनवाई में 846 मामले नस्तीबद्ध किए गए हैं। इस दौर डॉ. किरणमयी नाक ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद आयोग में काम करने का अवसर अगस्त माह के शुरूआत में मिला। पूरे 2 साल के कार्यकाल में 3 बार के लॉकडाउन में कुल साढ़े पांच माह का लॉकडाउन रहा है। पीडि़त महिलाओं के लिये टेलीफोनिक माध्यम से उनके मामलों में राहत पहुंचाई गई और अखबारों, समाचारों के माध्यम से स्वत: संज्ञान लेकर भी कई मामलों में कार्यवाही की गई। साथ ही विभिन्न जिलों में राज्य महिला आयोग द्वारा महिलाओं के मानव तस्करी रोकथाम, अन्य हितधारकों तथा पीडि़तों के पुनर्वास विषयों पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है। महिलाओं के विधिक संरक्षण और जागरूकता के लिए बहुप्रतिक्षित ”मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथÓÓ यात्रा राज्य के सभी जिलों में भ्रमण करेगी। इसकी शुरूआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 28 जुलाई को छत्तीसगढ़ की प्रथम त्यौहार हरेली के दिन अपने निवास कार्यालय से हरी झण्डी दिखकर रवाना करेंगे।
–महिला आयोग में बहुत ही सशक्त महिलाओं को सदस्य की जिम्मेदारी दी गयी
डॉ. किरणमयी नासक ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करती हूं, कि महिला आयोग में बहुत ही सशक्त महिलाओं को सदस्य की जिम्मेदारी दी गयी है। चार सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री जी के सपने के अनुरूप इस पूरे छत्तीसगढ़ में महिलाओं को न्याय देने, सशक्त करने तथा जागरूकता बढ़ाने की दिशा में मिलकर एक टीम की तरह कार्य कर रहे हंै।
दो साल में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ का सघन दौरा किया
अध्यक्ष ने इस 2 साल में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ का सघन दौरा किया और प्रत्येक जिले में जन सुनवाई भी की। 29 जिलों में कुल 124 जन सुनवाईयां की गईं, जिसमें 2,737 प्रकरणों की सुनवाई की जा चुकी है। इनमें से कुल 846 प्रकरणों को अंतिम सुनवाई कर पूर्णत: निराकृत कर नस्तीबद्ध किया जा चुका है। कई मामलों में उभय पक्षों के बीच समझौता करवाकर आयोग द्वारा उनके सुखी गृहस्थ जीवन की पुन: शुरूआत का प्रयास किया गया। कई प्रकरणों में आयोग की ओर से दोनों पक्षों की निगरानी भी की जा रही है। महिला आयोग के न्याय से आमजन संतुष्ट हैं। जुलाई 2020 से अब तक हाईकोर्ट में सिर्फ आयोग के 21 प्रकरणों को चुनौती दी गई, जिसमें 10 प्रकरण आयोग के पक्ष में फैसला आया है और 11 प्रकरण अभी लंबित हैं। अभी तक उच्चन्यायालय ने आयोग के खिलाफ कोई भी आदेश नहीं दिया है।
लगातार जन सुनवाई किये जाने से महिलाओं का विश्वास महिला आयोग के प्रति बढ़ा
ज्ञात हो आयोग में अध्यक्ष डॉ. नायक के कार्यभार ग्रहण करने के समय 582 मामले पूर्व से लंबित थे। इन प्रकरणों में अध्यक्ष द्वारा तीव्र गति से नियमित एवं लगातार जन सुनवाई किये जाने से महिलाओं का विश्वास महिला आयोग के प्रति बढ़ा और न्यायालय में अपना प्रकरण ले जाने के स्थान पर, पीडि़त महिलाओं ने आयोग को ज्यादा महत्व दिया,क्योंकि यहां पर महिलाओं को किसी भी प्रकार की राशि व्यय नहीं करनी पड़ती और न ही वकील की जरूरत पड़ती है, और बिना किसी परेशानी के उनके समस्याओं का वैधानिक समाधान भी आयोग में किया जा रहा है। महिला आयोग का संभागीय कायाज़्लय जांजगीर चांपा एवं अंबिकापुर में भी खुल गया है।