राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद सतह पर आ गया है। उन्होंने गहलोत के आरोपों पर कहा कि पहली बार देख रहा हूं कि कोई अपनी ही पार्टी के सांसदों और विधायकों की आलोचना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत की बातों से लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं।
पायलट ने कहा कि गहलोत द्वारा भाजपा नेताओं की तारीफ और कांग्रेस नेताओं का अपमान मेरी समझ से बाहर है। यह पूरी तरह गलत है। आमतौर पर अपने नेताओं को खुश करने के लिए बहुत से लोग बहुत सारी बातें करते हैं, चुगली करते हैं। ऐसी बातें मुझसे भी की जाती हैं, लेकिन मैं मंच पर ये कहूं तो यह शोभा नहीं देता है।
पायलट ने कहा कि हमने दिल्ली जाकर अपनी बात कही। वसुंधरा के भ्रष्टाचार पर कई महीनों से चिट्ठियां लिखीं। अनशन पर बैठा। अब भी जांच नहीं हुई। अब समझ में आ रहा है कि क्यों एक्शन नहीं लिया गया। हालांकि अब मैं नाउम्मीद हूं। जनता ही भगवान है। जनता के सामने सभी को नतमस्तक होना रहेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 मई को अजमेर से जयपुर तक यात्रा निकालेंगे। 125 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा होगी और इसमें 5 दिन का समय लगेगा।
गौर हो कि गहलोत ने धौलपुर में पायलट कैंप के विधायकों पर सियासी संकट के समय 10 से 20 करोड़ रुपये लेने के आरोप लगाया था। गहलोत ने विधायकों को अमित शाह का पैसा वापस लौटाने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत इन सबने मिलकर हमारी सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया। राजस्थान में विधायकों को पैसे बांट दिए। यह लोग पैसा वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है, ये वापस पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं? यह पैसा वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं?