हर व्यक्ति के मन में दो तरह की सोच होती है एक नकारात्मक और एक सकारात्मक। नकारात्मक सोच हमें नीरस बनाती है लेकिन अगर सकारात्मक सोच हमारे साथ है तो वह हमारे को अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित करती है। अगर कभी हमारे मन में नकारात्मक सोच आती भी है, तो हमें यह सोचना चाहिए कि यह नकारात्मक सोच हमारे मन में कहां से है, ऐसे नहीं आना चाहिए था। उस नकारात्मक सोच को सकारात्मक उत्तर के साथ बदल कर हमें अपने आप से बात करना चाहिए। यह नकारात्मक सोच जहां से आई है वहां सकारात्मक सोच बनकर वापस चली जाए। हमारे मन में बोले गए ये विचार सिर्फ हमें ही नहीं बल्कि हमारे आसपास के सारे माहौल में पॉजिटिविटी लाते हैं।