राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पिंकी मीणा ने प्रति एक किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी और नहीं देने पर निर्माण कार्य रोकने की धमकी दी थी। मीणा ने पहले लाख मांगे, बाद में इसे बढ़ाकर 10 लाख कर दिया। रिश्वत की रकम इसलिए बढ़ाई, क्योंकि दौसा के उपखंड अधिकारी पुष्कर मित्तल ने उससे 10 लाख रुपये मांगे थे। पिंकी ने कंपनी के प्रतिनिधि को धमकाते हुए कहा था कि करोड़ों का काम कर रहे हो, 10 लाख तो देने ही होंगे। साथ ही उसने रौब झाड़ा कि अभी सीएम की वीसी में व्यस्त हूं, जल्दी फाइनल करो। इस मामले में पिंकी मीणा व पुष्कर मित्तल के साथ दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल भी शामिल थे। मनीष और मित्तल अभी जेल में हैं, जबकि पिंकी को पिछले सप्ताह हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है और वह जेल से बाहर है।
दरअसल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ‘भारत माला” प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली-मुंबई हाईवे बनाने वाली कंपनी से रिश्वत मांगने के मामले में राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी मीणा के खिलाफ राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। करीब 4000 पेज की चार्जशीट में पिंकी मीणा द्वारा दौसा जिले के बांदीकुई में उपखंड अधिकारी पद पर तैनात रहते हुए किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया है। इसी साल 13 जनवरी को गिरफ्तार पिंकी मीणा ने 10 दिन की जमानत पर आकर एक न्यायिक अधिकारी से शादी के कारण भी चर्चा में रही थी।
चार्जशीट के अनुसार हाईवे निर्माण के लिए किसानों से अधिगृहीत की जाने वाली जमीन का मुआवजा पिंकी मीणा ने छह माह तक अटकाए रखा। उसने कंपनी से रिश्वत लेने के साथ ही किसानों पर भी दबाव बनाया कि मुआवजे में से उसे भी हिस्सा दिया जाए। कंपनी से मुआवजे की राशि उसने इसलिए भी अटकाए रखी कि किसान संतुष्ट नहीं हों और काम शुरू नहीं हो सके, जिससे कंपनी को मजबूरन उसे रिश्वत देनी पड़े। पिंकी मीणा सहित मित्तल व अग्रवाल द्वारा परेशान किए जाने और रिश्वत के लिए दबाव बनाने से परेशान होकर कंपनी के अधिकारियों ने ब्यूरो में शिकायत की थी। ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने मामले की जांच कराई तो शिकायत सही निकली।