समय, दोस्त और रिश्ते ये तीन वो चिजे हैं जो मिलती तो मुफ्त में हैं लेकिन उसकी किमत तब पता चलती हैं जब वहीं चिजे कही खो जाते हैं। रिश्ते निभाना और उसे लेकर चलना हमारे हाथ में होता है। अगर इसमें तेरा और मेरा का व्यवहार न शामिल हो तो इस रिश्ते मजबूत कोई और रिश्ता नही हो सकता।
हम दोस्ती ऐसा रिश्ता है जो हम अपने व्यवहार से जीतते हैं और अपने ही व्यवहार से इसे और भी गहरा बना लेते हैं। वक्त जैसा ही हो लेकिन ये करीबी हर वक्त हमारी चिंता में खड़े रहते हैं और यह दिलासा देते है की जल्द सब अच्छा होगा।