
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में 50 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए आवश्यक निर्णय लेंगे। यह जमावड़ा नाटो की दो दिवसीय बैठक से इतर होगा जिसमें सदस्य देशों के रक्षा मंत्री यूक्रेन युद्ध की ताजा स्थिति पर विचार किया जा रहा है। ये बैठकें रूस के यूक्रेन पर भीषण हमले के मद्देनजर आयोजित की गई हैं। सोमवार के हमले में रूस ने कुछ ही घंटों के भीतर यूक्रेन दस शहरों पर 100 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें दागी थीं जिनसे 26 लोगों की मौत हुई और दर्जनों लोग घायल हुए। रूसी हमले से यूक्रेन के आधारभूत ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है।
इन बैठकों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की द्वारा सहयोगी देशों से अतिरिक्त सैन्य मदद और एयर डिफेंस सिस्टम की मांग पर भी विचार होगा। बैठक यूक्रेन पर हवाई हमले के मंडरा रहे खतरे के बीच हो रही है। कीव सहित अन्य यूक्रेनी शहरों पर हवाई हमलों से सावधान करने वाले सायरन रह-रहकर बजते रहे और भयभीत लोग भागकर बंकरों में छिपते रहे। हमले के बाद जर्मनी ने पूर्व में किए चार एयर डिफेंस सिस्टम देने के वादे में से पहला सिस्टम यूक्रेन के लिए रवाना कर दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन को एनएएसएएमएस एयर डिफेंस सिस्टम देने की प्रक्रिया तेज करने का वादा किया है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन युद्ध के परिणामों के गलत आकलन के शिकार हैं। बावजूद इसके उन्हें नहीं लगता कि पुतिन यूक्रेन में परमाणु हथियार के इस्तेमाल का आदेश देंगे। नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि रूस का ताजा हवाई हमला युद्ध में हार के पैदा हुए भय का परिणाम है। जमीनी लड़ाई में रूसी सेनाएं लगातार पीछे हट रही हैं, उससे रूस को हार का भय सता रहा है।
जपोरीजिया पर लगातार हमले, 70 मरे
युद्ध के मैदान में रूसी सेना के कुछ और ठिकाने गंवाने की खबर है। यूक्रेनी सेना के अनुसार डेनिप्रो नदी के किनारे रूसी कब्जे वाले बेरिस्लाव शहर के बाहरी इलाकों पर उसने लड़ाई के बाद कब्जा कर लिया है। रूसी कब्जे वाले खेरसान और मेलिटोपोल में तेज धमाकों की आवाज सुनी गई हैं। यूक्रेन के कब्जे वाले जपोरीजिया शहर पर बीती रात भी मिसाइल हमले हुए। हमले में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा लेकिन हताहतों के बारे में जानकारी नहीं मिली है। इस शहर पर कब्जे के लिए रूसी सेना लगातार हमले कर रही है। केवल अक्टूबर के हमलों में यहां पर 70 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से ज्यादातर नागरिक हैं।