प्रसिद्ध वायरोलाजिस्ट और वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) के पूर्व प्रोफेसर डा. टी जैकब जान ने कहा कि कोरोना महामारी की चौथी लहर के आने की संभावना बहुत कम है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। डा. जान ने कहा कि फिलहाल न तो वैज्ञानिक और न ही महामारी विज्ञान से जुड़े कोई कारण नजर आ रहे हैैं, जिससे यह कहा जा सके कि कोरोना महामारी की चौथी लहर आएगी। परंतु, कोई भी यह भविष्यवाण्ाी नहीं कर सकता है कि यह आएगी ही नहीं।
उन्होंने कहा कि भले ही चौथी लहर की संभावना बहुत कम है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। वायरस और उसमें होने वाले बदलाव पर नजर बनाए रखना आवश्यक है। नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराते रहना भी जरूरी है, ताकि किसी नए वैरिएंट के उभरने की समय रहते जानकारी मिल सके। यह भी देखते रहना होगा कि स्थानीय स्तर पर ओमिक्रोन के मामले तो नहीं बढ़ रहे हैैं।
दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ देशों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से सतर्क रहने और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और सांस के गंभीर संक्रमण पर निगरानी रखने को कहा है। सरकार ने कहा है कि इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों की कोरोना जांच की जाए और संक्रमित पाए जाने पर उनके नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी कराई जाए।











