
बलरामपुर जिले के राजपुर में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रही है। हालत यह है कि यहां एक बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं, लाइट जाने के बाद परिजन मरीज को खुद कपड़ा हिलाकर हवा देने की कोशिश कर रहे हैं। मरीजों का आरोप है कि यहां उन्हें मेन्यू के अनुसार भोजन भी नहीं मिल रहा है। घंटों इंतजार के बाद डॉक्टर जांच के लिए पहुंचते हैं।
बलरामपुर जिले का यह एक प्रमुख अस्पताल माना जाता है, लेकिन इसकी हालत बेहद ही खराब है। यहाँ एक बेड पर दो मरीज लेटे हुए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। यहां मरीजों के लिए बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। मरीज के परिजनों के लिए बैठने के लिए स्टूल भी नहीं है इसके अलावा अगर यहां लाइट चली जाती है तो लाखों रुपए का इनवर्टर कोई काम नहीं करता है। मरीज अंधेरे में रहते हैं। मरीज के परिजन कपड़ा हिलाकर हवा देने की कोशिश करते हैं। यहां मेन्यू के अनुसार मरीजों को भोजन भी नहीं दिया जा रहा है।
मरीज के परिजनों ने आरोप है कि अस्पताल में उन्हें सरकारी सुविधा का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। नियम के अनुसार मरीज के साथ एक परिजन को भी अस्पताल में भोजन दिया जाना चाहिए, लेकिन यहां नही दिया जाता है। मौसम बदलने के कारण यहां मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है। आलम यह है कि एक-एक बेड पर 2 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिम्मेदार इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।