
गरियाबंद । जिले में विराजित विश्व प्रसिद्ध भूतेश्वरनाथ में गुरुवार से सावन की धूम रहेंगी। चलो बुलावा आया है भुतेश्वरनाथ ने बुलाया है। यही जयकारा लगाते खिंचे चले आते हैं महादेव के भक्त। भगवान भूतेश्वर नाथ की सावन महीने में विशेष पूजा अभिषेक किया जाता है यहां पर दूर-दूर से शिव भक्त बोल बम की टोली पहुंच कर जल अभिषेक करते हैं इस वर्ष 14 जुलाई गुरुवार से सावन शुरू हो रही है वही 18 जुलाई को पहला सोमवार पड़ेगा। द्वादष ज्योतिर्लिगों की भांति छत्तीसगढ़ में एक अर्धनारीश्वर प्राकृतिक शिव लिंग हैं जो विष्वप्रसिध्द विषालतम शिवलिंग के नाम से प्रसिध्द हैं यह शिव लिंग हर साल अपने आप में बढ़ता जा रहा हैं जो आश्चर्य किन्तु सत्य है। इसी सत्य की छांव में सत्य को पाने नगे पांव मीलो दूर से आते है भोले के भक्त। छत्तीसगढ़ी भाषा में हुकारने की आवाज को भकुर्रा कहते हैं इसी से छत्तीसगढ़ी में इनका नाम भकुर्रा पड़ा हैं। यहां हर वर्ष सावन माह पर्व पर मेले जैसे महौल रहता हैं । यहां पर दूर दराज से भक्त आकर महादेव की अराधना करते हैं। सावन माह के समय शिव भक्त अनायास ही गरियाबंद की ओर खिंचे चले आते हैं और एक लोटा जल चढ़ाकर अपनी सारी चिंताओं को त्याग कर भूतेश्वर नाथ की शरण में हो जाते है। गरियाबंद से 3 किलो मीटर दूर घने जंगलों के बीच बसा है ग्राम मरौदा सुरम्य वनों एवं पहाडियों से घिरे अंचल में प्रकृति प्रदत्त विश्व का सबसे विशाल शिवलिंग विराजमान है। इस शिवलिंग के बारे में बताया जाता है कि आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व जमीदारी प्रथा के समय पारागांव निवासी शोभासिंह जमींदार की यहां पर खेती बाडी थी। शोभा सिंह शाम को जब अपने खेत में घूमने जाता था तो उसे खेत के पास एक विशेष आकृति नुमा टीले से सांड के हुंकारने (चिल्लाने) एवं शेर के दहाडने की आवाज आती थी। अनेक बार इस आवाज को सुनने के बाद शोभासिंह ने उक्त बात ग्रामवासियों को बताई। ग्राम वासियों ने भी शाम को उक्त आवाजे अनेक बार सुनी। तथा आवाज करने वाले सांड अथवा शेर की आसपास खोज की। परंतु दूर-दूर तक किसी जानवर के नहीं मिलने पर इस टीले के प्रति लोगों की श्रद्वा बढऩे लगी। और लोग इस टीले को शिवलिंग के रूप में मानने लगे। इस बारे में पारागांव के लोग बताते हैं कि पहले यह टीला छोटे रूप में था। धीरे-धीरे इसकी उचाई एवं गोलाई बढ़ती गई। जो आज भी जारी है। इस शिवलिंग में प्रकृति प्रदत जललहरी भी दिखाई देती है। जो धीरे धीरे जमीन के उपर आती जा रही है।