
चैत्र नवरात्रि 2025 की धूम के बीच मध्य प्रदेश के शिवपुरी में स्थित बलारी माता मंदिर एक बार फिर सुर्खियों में है। जंगल के बीच बने इस प्राचीन मंदिर में माता कंकाल स्वरूप में विराजमान हैं और दिन में तीन अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देती हैं। सुबह बालिका, दोपहर में युवती और रात को वृद्धा के रूप में माता का यह अलौकिक स्वरूप श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आश्चर्य का केंद्र बना हुआ है।
बलारी माता मंदिर की सबसे खास बात है यहां की प्रतिमा, जो कंकाल के रूप में स्थापित है। भक्तों का मानना है कि यह माता की जागृत शक्ति का प्रतीक है। मंदिर के मुख्य महंत प्रयाग भारती बताते हैं, “माता दिनभर में तीन स्वरूपों में दर्शन देती हैं। उनकी कृपा से हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है।” चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन यहां भव्य मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
मंदिर की उत्पत्ति एक रोचक लोककथा से जुड़ी है। कहा जाता है कि व्यापारी लाखा बंजारा को माता ने दर्शन दिए थे। एक दिन झरने के पास रुकने पर माता उसकी बेटी के साथ खेलने लगीं। जाते वक्त माता ने पीछे न देखने को कहा, लेकिन लाखा ने मुड़कर देख लिया। इसके बाद माता वहीं स्थायी रूप से प्रतिष्ठित हो गईं। तब से यह स्थान आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया।
मंदिर में सेवादार गज्जू महाराज बताते हैं, “यहां सालों से सेवा कर रहा हूं। दूर-दूर से भक्त आते हैं और माता की कृपा से कोई खाली हाथ नहीं लौटता।” नवरात्रि के दौरान मेला इस मंदिर की भव्यता को और बढ़ा देता है। जंगल में बसे इस मंदिर का रहस्यमय और दिव्य वातावरण भक्तों को बार-बार खींच लाता है।