
जालंधर/पटियाला -पराली जलने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अब और सख्ती करने जा रही है। अब पराली जलने पर नोडल व कलस्टर अधिकारियों का इंक्रीमेंट रोका जा सकता है। इसके अलावा उनके निलंबन पर भी विचार किया जा रहा है। जालंधर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने शनिवार को कलस्टर और नोडल अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पराली जलाने का एक भी मामला सामने आया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।जिले में 189 नोडल अधिकारी और 54 क्लस्टर कोऑर्डिनेटर नियुक्त हैं। उन्होंने अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं की जांच के बाद पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) और पंजाब रिमोट सेसिंग सेंटर (पीआरएससी) की ओर से तैयार एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) मोबाइल एप्लिकेशन से रोजाना साझा करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में पराली जलाई गई उस कलस्टर अधिकारी का इंक्रीमेंट काटने और निलंबन पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धान की पूरी कटाई तक अधिकारियों को कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। अधिकारी अपने क्षेत्र में ‘जीरो फार्म फायर’ सुनिश्चित करेगा। जहां अभी कटाई होनी बाकी, वहां के थाना प्रभारियों समेत अधिकारियों को नियमित तौर पर खेतों का दौरा करने और उन गांवों के सरपंचों और किसानों के साथ बैठक करने को भी कहा गया है। इस साल बाढ़ के कारण शाहकोट, लोहियां और आसपास के प्रभावित इलाकों में धान की बिजाई देरी से हुई है। इससे फसल की कटाई भी देरी से हो रही है। पंजाब में चार फीसदी रकबे पर धान की कटाई अभी बाकी है। इससे साफ है कि पराली जलने का सिलसिला फिलहाल थमेगा नहीं। उधर, शनिवार को सूबे में पराली जलने के 637 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब सरकार ने विभिन्न विभागों पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, खेतीबाड़ी, राजस्व व जिला प्रशासनों के 8000 कर्मियों-अधिकारियों को फील्ड में उतारा है। आंकड़ों के मुताबिक पराली जलाने पर 6436 किसानों पर अब तक करीब एक करोड़ 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, 586 किसानों के लैंड रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। इसके बाद अब यह किसान सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकेंगे और न ही अपनी जमीन के बदले लोन ले सकेंगे और न ही गिरवी रख सकेंगे। साथ ही 559 किसानों के खिलाफ पर्चे भी दर्ज किए गए हैं। शनिवार को पराली जलाने के 637 नए मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे अधिक 120 मामले अकेले मोगा जिले के हैं। इस सीजन में पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 33719 हो गई है।