
रायपुर, 02 मार्च 2025 – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
- छत्तीसगढ़ आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी – नई आबकारी नीति 2024-25 की तरह ही होगी। राज्य में 674 मदिरा दुकानें संचालित रहेंगी, साथ ही आवश्यकतानुसार प्रीमियम मदिरा दुकानें भी जारी रहेंगी। देशी मदिरा की आपूर्ति रेट ऑफर के तहत होगी। विदेशी मदिरा का थोक क्रय व वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड करेगा। विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों पर लगने वाला 9.5% अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त कर दिया गया है।
- छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) (संशोधन) विधेयक-2025 को स्वीकृति – इस विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी गई।
- ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति समाप्त – सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत यह निर्णय लिया है। वर्तमान में 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पीएफआईसी द्वारा स्वीकृत की जाती हैं, जिससे अनुमोदन प्रक्रिया में डुप्लिकेशन हो रहा था।
- उपभोक्ता मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए नया पद सृजित– राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित मामलों के शीघ्र समाधान के लिए एक नए सदस्य पद का सृजन किया गया।
- धान एवं चावल परिवहन की दरों पर निर्णय– खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के समर्थन मूल्य योजना के तहत गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को स्वीकृति दी गई।
- श्रम कानूनों में संशोधन को मंजूरी – छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन एवं विविध प्रकीर्ण उपबंध विधेयक-2025 के तहत कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 और ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी गई।
- रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी – रजिस्ट्री ऑफिसों के नियमित संचालन के लिए वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में उप पंजीयक के 9 रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में एक बार के लिए छूट दी गई।
- औद्योगिक विकास नीति को प्रभावी बनाने हेतु संशोधन– 1 नवंबर 2024 से लागू औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को अधिक प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन भंडार क्रय नियम-2002 में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दी गई।
- राज्य सरकार और आर्ट ऑफ लिविंग के बीच एमओयू को मंजूरी – छत्तीसगढ़ सरकार एवं व्यक्ति विकास केंद्र इंडिया (द आर्ट ऑफ लिविंग) के बीच आजीविका सृजन और ग्रामीण विकास को लेकर समझौते की स्वीकृति दी गई।
सरकार के इन निर्णयों से राज्य में प्रशासनिक सुधार, औद्योगिक विकास और उपभोक्ता मामलों में तेजी आने की उम्मीद है।