इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड घोटाले में संलिप्त तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा पर शिकंजा कसता जा रहा है। उमेश सिन्हा से कोतवाली थाना पुलिस ने कई घंटे पूछताछ की। नार्को टेस्ट से जुड़ी सीडी मिलने के बाद उमेश सिन्हा को नोटिस देकर पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब किया था।
इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले मामला 17 साल बाद फिर सुर्खियों में है। बैंक में लगभग 28 करोड़ डूबे थे। 13 – 14 करोड़ इंश्योरेंस के माध्यम से प्राप्त हो चुका था और उतनी ही राशि खातेदारों को भुगतान करना बाकी है। अब तक लगभग 20 हजार खातेदारों को उनका भुगतान हो चुका है।
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और खातेदारों को पैसा वापस कराने संघर्ष कर रहे इंदिरा बैंक संघर्ष समिति के संयोजक कन्हैया अग्रवाल ने बताया कि नए सिरे से जांच करने का न्यायालय का आदेश है। इससे आस जगी है कि आरोपी पकड़े जाएंगे और खातेदारों को उनकी राशि वापस मिल जाएगी।