
गजवा-ए-हिंद मामले की जांच के लिए एनआईए ने तीन राज्यों में विभिन्न् ठिकानों पर छापेमारी की है। महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में हो रही छापेमारी का संबंध इंटरनेट मीडिया पर युवाओं को हिंसक आतंकी गतिविधियों के लिए भड़काने को लेकर की जा रही है। पिछले साल बिहार में इस आतंकी माड्यूल का पता चला था।
जांच एजेंसी के बयान के अनुसार महाराष्ट्र के नागपुर में तीन स्थानों पर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और गुजरात के वलसाड, सूरत और बोटाद में गहन तलाशी ली गई है। यहां कई डिजिटल डिवाइसों (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड) और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। वाट्सएप ग्रुप “गजवा-ए-हिंद” का संचालन और नियंत्रण पाकिस्तानी नागरिक मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर से जुड़े लोगों के खिलाफ सुबूत जुटाने के लिए यह छापेमारी की गई। उसने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए भी विशेष रूप से गजवा-ए-हिंद नाम का अलग ग्रुप बनाया। इसका नाम “बीडीगजवाएहिंदबीडी” दिया गया है।
पटना के फुलवारी शरीफ थाने में जुलाई, 2022 को गजवा-ए-हिंद माड्यूल के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस साल छह जनवरी में एनआईए ने बिहार के गजवा-ए-हिंद मामले में विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किए। यह संगठन पाकिस्तान से संचालित हो रहा है। एनआईए का कहना है कि गजवा-ए-हिंद नाम का आतंकी माड्यूल इंटरनेट मीडिया के जरिये युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल करता है। इसी संगठन ने वाट्सएप समेत कई इंटरनेट मीडिया संगठनों पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भड़काऊ और देशद्रोही किस्म का कंटेंट तैयार किया है। इन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र गजवा-ए-हिंद बनाने का ऐलान किया है।