
मोदी सरकार ने दो संसद चैनलों-लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर दिया है। अब इसे संसद टीवी कहा जाएगा। साथ ही सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी रवि कपूर को संसद टीवी का पहला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल एक साल के लिए या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक के लिए होगा।
सरकार ने अपने आदेश में कहा, राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष के संयुक्त निर्णय के परिणामस्वरूप लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का संसद टेलीविजन में विलय किया गया है। चैनलों का भले ही आपस में विलय कर दिया गया है, लेकिन दोनों अलग-अलग प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेंगे। एक पर लोकसभा और दूसरे पर राज्यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा। जब संसद सत्र नहीं चल रहा होगा, उस समय दोनों चैनलों पर समान कार्यक्रमों का प्रसारण होगा। हालांकि, एक की भाषा हिंदी और दूसरे की अंग्रेजी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा टीवी को 2006 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने लांच किया था, जबकि राज्यसभा टीवी 2011 में अस्तित्व में आया। दोनों चैनलों पर संबंधित सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता था। इसके अलावा कई विषयों पर कार्यक्रम और चर्चाएं भी आयोजित होती थीं।