
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 13वें पासपोर्ट सेवा दिवस पर भारत और विदेश में पासपोर्ट अधिकारियों के समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) 2.0 और देशव्यापी ई-पासपोर्ट सेवाओं के शुभारंभ की घोषणा की।
जयशंकर ने ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के सिद्धांतों पर जोर देते हुए कहा कि ये विकसित भारत के लक्ष्य की नींव हैं। उन्होंने बताया कि पासपोर्ट सेवाओं में पिछले एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 2014 में 91 लाख पासपोर्ट जारी किए गए थे, जो 2024 में बढ़कर 1.46 करोड़ हो गए।
पीएसपी 2.0 के तहत उन्नत तकनीकों का उपयोग कर पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई गई है। इसका पायलट परीक्षण वैश्विक स्तर पर शुरू हो चुका है और इसे चरणबद्ध तरीके से भारतीय दूतावासों में लागू किया जाएगा। ई-पासपोर्ट को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए जयशंकर ने कहा कि यह चिप-आधारित तकनीक यात्रा और आव्रजन प्रक्रिया को तेज करेगी।
उन्होंने एमपासपोर्ट पुलिस एप की सफलता का उल्लेख किया, जिसने 25 राज्यों में पुलिस सत्यापन का समय 5-7 दिनों तक कम कर दिया। पिछले साल 10 नए पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए, जिसमें अप्रैल 2025 में कुशीनगर में 450वां केंद्र शामिल है। मोबाइल वैन सेवाओं ने दूरदराज के क्षेत्रों में पासपोर्ट सुविधाएं पहुंचाईं। जयशंकर ने कहा, “हमारी प्रतिबद्धता नागरिक-केंद्रित सेवाओं को और सशक्त बनाने की है, जो वैश्विक कार्यक्षेत्र तक पहुंच बढ़ाए और नागरिकों को सक्षम बनाए।”