शाम को होगे देवी-देवताओं के दर्शन
ग्रहण को ले सकारात्मक
ग्रहण को लेकर तरह तरह की बातें और भविष्यवाणी की जाती है। लोगों की निगाह शुभ और अशुभ फलों को देखने में सबसे ज्यादा आ कर अटकती है। जानकारों की मानें तो ग्रहण काल में जप किए जाने का फल सामान्य समय और दिनों की तुलना से सौ गुना ज्यादा मिलता है। ग्रहण काल केकारण राजधानी के सभी मंदिर रात को सूतक लगने के बाद से रविवार 2.15 बजे तक पूर्णत बंद रहे। शाम से खुलेंगे भक्तों के लिए मंदिर।
मान्यता के अनुसार ग्रहण काल में भगवान को स्पर्श करना, पूजा करना मना होता है। यही कारण है कि शरह के सभी मंदिरों के साथ-साथ घरों में भी लोगों ने पूजा नहीं की। दूर से ही पाठ कर ग्रहण काल में फल प्राप्ती की कामना करते लोग और पंडित नजर आए।
जप से मिलता है कई गुना ज्यादा फल पं. मनोज शुक्ला के अनुसार ग्रहण काल में जप करना सबसे ज्यादा श्रृष्ण है इस समय मंत्र का पाठ करना चाहिए। यह अवश्य ध्यान रहे की मंत्रों को भगवान के पास बैठकर न करें बल्कि भगवान से दूर बैठ कर जप करें। सामान्य दिनों में जो हम जप करते हैं उसी जप को अगर ग्रहण काल में करें तो ये 100 गुना ज्यादा फल देता है। आमतौर पर ग्रहण को लेकर काफी भय और भ्रांतियां हैं। ये जरुर है कि नियमों और पुराणों के अनुसार ग्रहण काल में खाना पकाना, पूजा करना, मूर्ती स्पर्श करना, बाहर निकलना, खाना खाना और पकाना, सिलाई करना, बाल कटाना, दाढ़ी बनाना जैसे कई काम करने की मनाही होती है। इसे मानना भी चाहिए लेकिन बच्चों, वृद्धो और मरीज को रियायत होती है।
सुने मंत्र– मंत्रोच्चार करें
मंत्रों का सही उच्चारण होना बेहद आवश्क है अगर आप मंत्र नहीं पढ़ सकते तो इसे सुन सकते हैं। सूर्य मंत्र, हनुमान चालिसा, ओम जप मंत्र सबसे श्रृष्ठ फलदायक है इसके अलावा और भी देवी देवताओं से जुड़े मंत्रों को सुन सकते हैं उच्चारण कर सकते हैं।
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