दो संतों का अद्भुत मिलन: प्रेमानंद महाराज ने धोए राजेंद्र दास के चरण

संतों का असली तेज उनकी बाहरी आभा में नहीं, बल्कि उनके विनम्र अंतरमन में झलकता है।…