
छत्तीसगढ़ में हरा सोना के नाम से ख्यात तेंदूपत्ता इस वर्ष संग्राहकों को ज्यादा मुनाफा देगा। इस वर्ष 5500 रूपये प्रति बोरा खरीदी का रेट होने से फड़ों में तेंदूपत्ता बेचने वाले संग्राहकों की कतार लगी है। मरवाही वन मंडल में तेंदूपत्ता की खरीदी का लक्ष्य 22 हजार बोरा का मिलने पर अब तक 20 हजार 545 मानक बोरा की खरीदी की जा चुकी है। वहीं, तेंदूपत्ता संग्राहकों को फड़ में मौजूद कर्मचारियों के द्वारा छलने का भी काम किया जा रहा। फड़ मुंशी के प्रति सैकड़े के पीछे सरा के नाम पर 5 गड्डी अतिरिक्त वसूल लिया जाता है, जिससे आदिवासी संग्राहक अपने आपको छला महसूस करते हैं।
पिछले वर्ष 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा के हिसाब से तेंदूपत्ता की खरीदी की जाती थी। प्रदेश की भाजपा सरकार इस वर्ष से 1500 से बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिया है। इसका सीधा फायदा संग्राहकों को मिल रहा है और 16 समितियों के माध्यम मरवाही वन मंडल में तेंदूपत्ता की खरीदी की जा रही है। मगर, खरीदी फड़ो में आदिवासी संग्राहकों से अतिरिक्त तेंदूपत्ता की वसूली मुंशी द्वारा की जाती है, जिससे संग्राहक परेशान हैं। संग्राहकों को मुनाफा देने वाला यह तेंदूपत्ता फड़ मुंशियों और ठेकेदारों के लिए अवैध कमाई का जरिया बन चुका है। चिलचिलाती धूप में पसीने से तरबतर होने के बाद तेंदूपत्ते का संग्रहण कर ग्रामीण फड़ पहुंचते हैं। यहां उनसे नियमों को दरकिनार कर सरा के नाम पर फड़ में मौजूद कर्मचारियों द्वारा तेदूपत्ता की पांच गड्डी अधिक ले लिया जाता है। इससे संग्राहकों को क्षति उठानी पड़ रही है।