शंख की ध्वनि को हिंदू धर्म में शुभ और मांगलिक कार्य में अच्छा माना जाता है। शंख बजाने के सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि इसका वैज्ञानिक पक्ष भी बेहद कारगर हैं। शास्त्रों के अनुसार शंख बजाने से सुख-समृद्धि सहित कई लाभ बताए गए हैं। शंख की ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है। विज्ञान भी मानता है कि शंख बजाने से कई बीमारियां दूर रहती हैं।
डाक्टरों के अनुसार, शंख बजाने के नियमित अभ्यास से फेफड़े फैलते हैं, जिसके चलते अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियां खत्म हो जाती हैं। इससे शरीर का रक्त संचार होता है। साथ ही ब्रेन में भी ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है। शंख बजाने से छाती के मसल्स मजबूत होते हैं और गले में मौजूद मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जिससे वोकल कार्ड और थायरायड से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है। शंख को जब दबाव लगाकर बजाते हैं तो इससे यूरिनरी ब्लेडर की भी एक्सरसाइज होती है, जिससे यह स्वस्थ रहता है। कुल मिलाकर वैज्ञानिक पक्ष से भी शंख बजाने के कई फायदे हैं।
हाल में ही कोरोना संक्रमण काल में मंदिरों में पूजा-पाठ करने के साथ नियमित रूप से शंख बजाने वाले पुजारियों ने भी शंख बजाने के वैज्ञानिक महत्व को बखूबी समझा। नियमित रूप से शंख बजाने वाले अधिकांश पुजारियों को कोरोना छू भी नहीं पाया। यदि किसी को कोरोना संक्रमण हुआ भी होगा तो उनपर इसके कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े।