भुवनेश्वर/कोलकाता। बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करने के बाद साइक्लोन असानी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग ने ओडिशा, बंगाल और आंध्र प्रदेश में तूफानी बारिश का अलर्ट जारी किया है। साइक्लोन असानी का असर सबसे अधिक कार निकोबार से लगभग 610 किमी उत्तर-पश्चिम में, पोर्ट ब्लेयर से 500 किमी पश्चिम में, विशाखापत्तनम से 810 किमी दक्षिण-पूर्व और पुरी से 880 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में देखने को मिलेगा। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय असानी तूफान का असर दिखना शुरू हो गया है। बिहार के कई जिलों में सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। तूफान की जिसकी वजह से 12 मई को पूर्वी-पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, बांका, किशनगंज, भागलपुर सहित 15 जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं। इस दौरान 13 से 17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। (पूरे बिहार का हाल जानने के लिए इस लिंक पर जाएं) भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया- असनी चक्रवात अभी पुरी के दक्षिण-दक्षिण पूर्व की दिशा में लगभग 680 किमी और विशाखापत्तनम से 580 किमी दूर है। अगले 48 घंटों में यह कमजोर हो जाएगा। 10 मई तक उत्तर-पश्चिम दिशा में उत्तर आंध्र और ओडिशा तट के उत्तर-पश्चिम से सटे पश्चिम-मध्य में आगे बढऩा जारी रखेगा। ओडिशा के कुछ तटीय जिलों में 10 मई से इसके प्रभाव में भारी बारिश हो सकती है।
90 से 125 किमी/घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
ढ्ढरूष्ठ ने अनुमान जताया है कि जिस रफ्तार से तूफान ने बंगाल की खाड़ी में प्रवेश किया, ऐसे में 9 मई को बंगाल और ओडिशा में 90 किमी/घंटे और 10 मई को 125 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। इस दौरान तूफानी बारिश भी होगी।
ओडिशा के 4 पोर्ट डेंजर जोन घोषित
ओडिशा रिलीफ कमिश्नर पीके जेना ने बताया कि राज्य के 4 पोर्ट पारादीप, गोपालपुर, धमरा और पुरी को डेंजर जोन घोषित किया गया है। इन इलाकोंमें एनडीआरएफ और ओडीआरएफ की तैनाती की गई है। हमने समुंद्री इलाकों में सभी मछुआरों के लिए चेतावनी जारी कर दी है।
ममता बनर्जी ने 3 दिन तक सभी कार्यक्रम रद्द किए
पश्चिम बंगाल में तूफान के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। 9, 10 और 11 मई को ममता बनर्जी नवान्न (सचिवालय) से साइक्लोन असानी की मॉनिटरिंग करेंगी। रविवार को मौसम केंद्र कोलकाता ने अंदेशा जताया था कि अंत समय में तूफान का डायरेक्शन बदल सकता है और यह बंगाल के समुद्री तटों से टकरा सकता है।