बालोद जिले के धनोरा स्थित 14वीं वाहनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में एक अलग तरह का मामला सामने आया। यहां तीन बेटियां होने के बावजूद जवान को बेटे की चाह महंगी पड़ गई। विभाग ने बेटा पैदा करने के लिए पत्नी को गर्भवती करने के मामले में आरक्षक को निलंबित कर दिया। साथ ही सेवा पुस्तिका जांच के बाद दो और हेड कांस्टेबल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
दरअसल समवाय कैम्प नगरी जिला धमतरी में पदस्थ आरक्षक प्रहलाद सिंह 23 जून को अपना वेतन चालू करने और पत्नी की डिलवरी का हवाला देते हुए 8 दिवसीय अवकाश का आवेदन लेकर बालोद के धनोरा स्थित 14वीं वाहनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल कार्यालय में उपस्थित हुआ था। यहां सेनानी ने उससे पूरा विवरण पूछा तो उसने तीन बेटियां होने के बाद एक बेटे की चाह में पत्नी गर्भवती होने की जानकारी दी। इसके बाद सेनानी डीआर आंचला द्वारा शासकीय कर्मचारी होने के बावजूद पुत्र की चाह में वर्तमान परिस्थिति के दृष्टिगत, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, सिविल सेवा आचरण का घोर उल्लंघन बताकर निलंबित कर दिया।
हैंडबुक 2023 में अंकित छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम 1961 के तहत दो से अधिक संतान जिसमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके बाद हुआ है, उन्हें सरकारी सेवा मे अपात्र माना गया है। इसी आधार पर आरक्षक प्रहलाद सिंह को निलंबित करते हुए सेवा पुस्तिका जांच के बाद दो और हेड कांस्टेबल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।