छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने एक अनूठी पहल की है।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 31 मई को रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ किया। प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में जगह बनाने में सफल रहा है। वहीं आज सत्र का दूसरा दिन है।
आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. रामकुमार काकानी ने भी चिंतन शिविर को संबोधित किया। वहीं, सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी सहयोग रहने वाला है।
राज्य सरकार ने विकसित छत्तीसगढ़, विकसित भारत की संकल्पना के अपने विजन के क्रियान्वयन के लिए आईआईएम एवं देश भर की प्रतिष्ठित संस्थाओं के विषय विशेषज्ञों के साथ मंथन किया। रायपुर आईआईएम में आयोजित इस दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया। शिविर में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री द्वय अरुण साव एवं विजय शर्मा तथा मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों ने भी हिस्सा लिया। इस तरह से देश में विषय विशेषज्ञों के साथ बौद्धिक विमर्श और चिंतन शिविर गुजरात में आयोजित किया गया था।
इसके बाद देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य का पूरा मंत्रिमंडल प्रदेश को संवारने एवं विकास को नया आयाम देने विद्यार्थी भाव से विचारविमर्श करने जुटा है और अपने क्षेत्र के माने हुए विषय विशेषज्ञों से संवाद कर रहा है। प्रदेश के नेतृत्व द्वारा इस तरह से अनूठी पहल करते हुए विशेषज्ञों से बौद्धिक विचार-विमर्श कर प्रदेश को संवारने के लिए आज सार्थक चर्चा की गई। छत्तीसगढ़ के विकास के लिए बनाये गये विजन के क्रियान्वयन के लिए आज दिन भर हुए सत्रों में गहन विचारविमर्श किया गया।
जैसे कोई कृषक बड़ी मेहनत से खेती के लिए अपनी जमीन तैयार करता है वैसा ही विकसित छत्तीसगढ़ के स्वप्न को मूर्त रूप देने छत्तीसगढ़ का शीर्ष नेतृत्व जुटा, जो विजन तैयार किया गया है उसे प्रभावी बनाने विषय विशेषज्ञों से राय ली गई ताकि उनके सुझाव लेकर विजन के क्रियान्वयन को पैनापन दिया जा सके। चिंतन शिविर में तय किया गया कि विकसित छत्तीसगढ़ के विजन को समाज के सभी वर्गों के बीच ले जाना है। सबको जागरूक कर और उनकी भागीदारी लेकर विकसित छत्तीसगढ़ के सपनों को पूरा किया जाना है। शिविर में विषय विशेषज्ञों के साथ देर तक चर्चा हुई और छत्तीसगढ़ की संभावनाओं को लेकर बारीकियों पर बात हुईं।
स्वास्थ्य में अधोसंरचना पर जोर दिया गया। कोविड जैसी आपदाओं से भविष्य में निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से चाकचौबंद रखने पर जोर दिया गया। साथ ही इस क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने और निरंतर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने चर्चा की गई।