हिंदू संस्कृति में पितृ पक्ष या श्राद्ध के दौरान कौवा को खाना खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है और इसका बहुत अधिक महत्व होता है।
यह माना जाता है कि पक्षियों और जानवरों को खिलाने से आपकी कुंडली में ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने में मदद मिलती है। हिंदू धर्म के अनुसार पक्षी और जानवर कई देवी-देवताओं के वाहन के रूप में काम करते हैं इसलिए उनका एक प्रसिद्ध स्थान होता है।तो आइए जानते हैं कौंवा से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं।
श्राद्ध एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह दिवंगत पूर्वजों की आत्माओं के सम्मान के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है की हमारे पूर्वज कौओं के रूप में पृथ्वी पर आते हैं। उन्हें खाना खिलाना हमारे मृत पूर्वजों का भोजन माना जाता है। कौआ एकमात्र ऐसा पक्षी है जो पितृ लोक के दूत के रूप में कार्य करता है। यह वायु के तत्व हैं और श्राद्ध का खाना इन्हें खिलाना पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनकी आत्मा को प्रसन्न करने में मदद करता है।
पितृपक्ष में कौवे को भोजन कराने का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। ऐसा माना जाता है कि अगर श्राद्ध पक्षमें आपके द्वारा दिया गया भोजन कौआ ग्रहण कर ले तो आपके पितृ आपसे प्रसन्न होते हैं। इसके विपरीत अगर कौआ भोजन नहीं करने आता है तो यह माना जाता है कि आपके पूर्वज आप से विमुख हैंं यानी कि रुष्ट हैं। पितृपक्ष में हमारे पितर कौए के रूप में भोजन ग्रहण करने आते हैं इसलिए हम सभी को अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध पक्ष में कौए को भोजन अवश्य करवाना चाहिए। इसके अलावा कौए को यमराज का संदेशवाहक भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि कौए को भोजन कराने से हमारा संदेश हमारे पितरों तक पहुंचता है।
कौओं से जुड़ी किदवंती
कौए इस समय में हमारे पित्तरों का रूप धारण करके पृथ्वी पर उपस्थित रहते हैं, इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है। कहा जाता है कि इन्द्र के पुत्र जयन्त ने ही सबसे पहले कौए का रूप धारण किया था। यह कथा त्रेतायुग की है, जब भगवान श्रीराम ने अवतार लिया और जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारी थी, तब भगवान श्रीराम ने तिनके का बाण चलाकर जयंत की आंख फोड़ दी थी। जब उसने अपने किए की माफी मांगी, तब राम ने उसे यह वरदान दिया कि तुम्हें अर्पित किया भोजन पितरों को मिलेगा। तभी से श्राद्ध में कौओं को भोजन कराने की परंपरा चली आ रही है, यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौओं को ही पहले भोजन कराया जाता है।
कौओं से जुड़ी अन्य कई बातें भी हैं, ऐसा माना जाता है की शनि दोष से बचने के लिए माना जाता है कि कभी भी कौए को किसी चीज से मारना नहीं चाहिए। अगर ये छत पर रखा पानी पी रहा हो तो भी इसे एकदम नहीं उड़ाना चाहिए।
रोटी का टुकड़ा लिए कौआ
मुंह में रोटी का टुकड़ा या खाने की कोई भी चीज लिया हुआ कौआ अगर आपकी छत पर या घर के अहाते में बैठे तो समझें कि जल्दी ही बड़ी मनोकामना पूर्ण होने वाली है।
कौआ अगर शांत स्वर में बोले तो माना जाता है कि पार्टनर के साथ संबंधों में मधुरता आती है। वहीं अगर यह सिर ऊपर करके कर्कश स्वर में लगातार आवाज निकाले तो यह आने वाली मुसीबत का संकेत है।