
कोलकत्ता। दो दिन के बंगाल दौरे पर गए गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को मिदनापुर पहुंचे। यहां उनकी रैली के दौरान टीएमसी छोड़ चुके और ममता के खास रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा का दामन थाम लिया। सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 विधायको ने भी भाजपा जॉइन की है। इनमें 5 विधायक तृणमूल कांग्रेस के हैं। इस पर शाह ने कहा कि चुनाव आते-आते दीदी (ममता बनर्जी) अकेली रह जाएंगी। शुभेंदु अधिकारी विधायकी छोड़ चुके हैं, हालांकि उनका इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं हुआ है। अपने भाषण में शाह ने ममता बनर्जी को ही निशाने पर रखा। अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि ममता दीदी को अपने कार्यकतार्ओं, पार्टी के नेताओं और जनता से ज्यादा अपने भतीजे की है। अपने भतीजे को पद देने के लिए पार्टी कार्यकतार्ओं का अपमान कर रही है, जो कार्यकर्ता मां, माटी और मानुष को लक्ष्य लेकर अपने घर से निकले थे, लेकिन जब टीएमसी पर जब उनके लक्ष्यों की पूर्ति होते हुए नहीं दिख रही है तो उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया। अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिल पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि ममता दीदी, आप भाजपा कार्यकतार्ओं पर कितने भी हमले करा लें। हम नहीं डरने वाले। आपके कार्यकाल का काला चिट्टा, सौदेबाजी और भतीजावाद को जनता के बीच लेकर जाएंगे। विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतकर आएंगे। आपको 10 करोड़ बंगालियों का भविष्य नहीं दिखता। मैं बंगाल के किसानों को पूछना चाहता हूं कि मोदीजी जो 6 हजार रुपये दे रहे हैं, वो आपको क्यों नहीं मिल रहा। मोदी जी लोगों को आयुष्मान भारत योजना दे रहे हैं, ममता के रहते लोगों को ये नहीं मिल पाएगा।
जब तक आप तृणमूल को उखाड़कर नहीं फेंक देते, 6 हजार नहीं मिलेंगे। मोदी जी जो भेजना चाहते हैं, वो लोगों को नहीं मिल रहा।
टीएमसी का पलटवार- अमित शाह को नहीं पता इतिहास
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में जुबानी जंग तेज होती जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हमले के बाद अब तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार किया है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि अमित शाह को बंगाल के राजनीतिक इतिहास के बारे में नहीं पता है. कांग्रेस से निकाले जाने के बाद ममता बनर्जी ने नई पार्टी बनाई थी. अमित शाह को नहीं पता कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस नहीं छोड़ी थी।