
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून का समर्थन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से विवाह के लिए धर्मांतरण का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि धर्म परिवर्तन क्यों किया जाना चाहिए. सामूहिक स्तर पर धर्म परिवर्तन रुकना चाहिए. जहां तक मेरी जानकारी है, मुस्लिम धर्म में कोई दूसरे धर्म में शादी नहीं कर सकता. मैं व्यक्तिगत रूप से विवाह के लिए धर्मांतरण का समर्थन नहीं करता हूं।
राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण कानून के दुरुपयोग से जुड़े सवालों के जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विवाह और शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन में फर्क होता है. वह बोले, बहुत से मामलों में आपने देखा होगा कि जबरन धर्म परिवर्तित किया जाता है और कई बार यह लालच के लिए भी किया जाता है. प्राकृतिक विवाह और शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन में बड़ा फर्क होता है और मुझे लगता है कि इन कानूनों को बनाने वाली सरकारों ने इन सभी बातों पर विचार किया है।
–लव जिहाद पर बोले असदुद्दीन ओवैसी – संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं भाजपा शासित राज्य
देश में लव जिहाद को लेकर एक नई बहस छिड़ी है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार इसपर कानून ला चुकी है. बीजेपी शासित कई अन्य राज्य भी कानून लाने की तैयारी कर रहे हैं. लव जिहाद के मुद्दे पर विपक्षी दल लगातार भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोल रहे हैं.। एआईएमआईएम पार्टी के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत के संविधान में लव जिहाद की कोई परिभाषा नहीं है. बीजेपी शासित राज्य संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। ओवैसी ने कहा, भारत के संविधान में कहीं भी लव जिहाद की परिभाषा नहीं है. बीजेपी शासित राज्य लव जिहाद पर कानून लाकर संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं. अगर बीजेपी शासित राज्य कानून बनाना ही चाहते हैं तो वे एमएसपी पर कानून बनाएं, रोजगार देने पर कानून बनाएं।
उन्होंने आगे कहा, न्यायालयों ने दोहराया है कि भारत के संविधान के तहत, अनुच्छेद 21, 14 और 25 के तहत, किसी भी भारतीय नागरिक के निजी जीवन में किसी भी सरकार की कोई भूमिका नहीं है. बीजेपी स्पष्ट रूप से संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने में लिप्त है.। ओवैसी ने कहा, मैंने हमेशा मुस्लिम समुदाय के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का मुद्दा उठाया है. साथ ही यह भी दिखाने की कोशिश की है कि कैसे मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक रूप से हाशिए पर रखा गया. इन मुद्दों पर मेरे साथ जुडऩे की जगह जिन्ना का जिन्न दिखाकर लोगों को डराना अधिक सुविधाजनक है।