
रूसी हवाई हमलों से यूक्रेन की 50 प्रतिशत विद्युत उत्पादन और आपूर्ति व्यवस्था नष्ट हो गई है। इसके चलते यूक्रेन के करीब एक करोड़ लोग बिजली-पानी की किल्लत झेल रहे हैं। प्रधानमंत्री डेनीज शमीहाल ने कहा है कि यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में लड़ाई तेज हो गई है।
यूक्रेन में ठंड बढ़ती जा रही है। राजधानी कीव में मौसम की पहली बर्फबारी हो चुकी है। ऐसे में घंटों के लिए बिजली गुल होना बुजुर्गों और बच्चों के लिए बड़ी समस्या बन रहा है।
पूरे देश में बिजली व्यवस्था को सुचारु करने के लिए कार्य चल रहा है लेकिन रूस के रह-रहकर हो रहे मिसाइल हमलों से स्थिति बिगड़ती जा रही है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि देश में एक करोड़ लोग बिजली-पानी की किल्लत झेल रहे हैं। लोगों की यह संख्या यूक्रेन की मौजूदा आबादी की एक तिहाई है। संयुक्त राष्ट्र ने ठंडक में बिजली की कमी से मानवीय आपदा खड़ी होने की आशंका जताई है। प्रधानमंत्री शमीहाल ने कहा है कि रूस लगातार नागरिक ठिकानों और संवेदनशील आधारभूत ढांचे को निशाना बना रहा है। इससे स्थिति बिगड़ती जा रही है। यूक्रेन के नेशनल ग्रिड आपरेटर ने कहा है कि रूस ने 10 अक्टूबर से 15 नवंबर तक यूक्रेनी विद्युत संयंत्रों पर छह बड़े हमले किए। इन हमलों में यूक्रेन के शहरों पर सैकड़ों मिसाइल दागे गए और आत्मघाती ड्रोन हमले किए गए।
रूस ने कहा है कि उसकी सेना ने यूक्रेन के मिसाइल निर्माण् कारखाने को निशाना बनाया, जबकि यूक्रेनी सेना ने कहा है कि उसने जवाबी कार्रवाई में रूस के दो क्रूज मिसाइल, पांच हवा से दागे गए मिसाइल और पांच आत्मघाती ड्रोन मार गिराए। यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने बताया है कि खेरसान क्षेत्र में 63 नागरिकों के क्षत-विक्षत शव पाए गए हैं जिन पर बर्बरता के निशान हैं, तो रूस ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध के दौरान पकड़े गए उसके नागरिकों और सैनिकों में से दस की सिर में गोली मारकर हत्या की गई है। यह युद्ध के नियमों के विरुद्ध है।