महाराष्ट्र के विदर्भ में पिछले 72 घंटे में सात किसानों ने आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या करने वालों में यवतमाल में हिवारी के प्रवीण काले, खिडकी के ट्रैबैंक केरम, शिवनी के मारोती चव्हाण, अर्जुन के गजानंद शिंदे, बनेगांव के तेवीचंद राठोस, जामवाडी के नितिन पाणे और वर्धा के रन्तापुर के दिनेश मडावी किसान शामिल हैं। इस घटना से पूरा महाराष्ट्र हिल गया है।
विदर्भ जन आंदोलन समिति के अध्यक्ष और शिवसेना (यूबीटी) नेता किशोर तिवारी ने कहा, ”पिछले तीन दिनों से भी कम समय में यवतमाल से 6 और वर्धा से 1 किसान के आत्महत्या की खबर आई है। इनमें से 6 आत्महत्याएं पिछले 48 घंटों में और एक आत्महत्या एक दिन पहले रविवार को हुई थी। उनमें से अधिकांश समाज के वंचित वर्गों से हैं और उन्होंने भारी कर्ज के बोझ, फसल की बर्बादी और राज्य सरकार से बहुत कम या कोई मदद नहीं मिलने के कारण यह कदम उठाया।”
गौर हो कि इन मौतों के साथ जनवरी 2023 से राज्य में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 1586 हो गई है। विदर्भ जैसे छोटे से क्षेत्र से हर रोज एक-दो किसानों की आत्महत्या की खबरें मिल रही हैं।