केंद्र की मोदी सरकार पर भले ही सरकारी प्रतिष्ठानों को बेचने का आरोप लगे, लेकिन आंकड़ों पर यकीन करें तो इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल यानी वर्ष 2014 से अब तक 96 नए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) का गठन किया गया है। नए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से ज्यादातर का मुख्यालय दिल्ली में है। बता दें कि 31 मार्च, 2020 तक 256 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम काम कर रहे थे। इनमें से 171 लाभ में और 84 घाटे में थे।
इस सूची में 2018 में गठित एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआइएएचएल) शामिल हैं। इस इकाई का गठन एयर इंडिया की गैर-प्रमुख संपत्तियों और देनदारियों को रखने के लिए किया गया था। नए सार्वजनिक उपक्रमों में बीएसएनएल टावर कारपोरेशन का गठन भी 2018 में हुआ था। अन्य नए बने सार्वजनिक उपक्रमों में कानकोर लास्ट माइल लाजिस्टिक्स (2020), इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्जिबिशन सेंटर लिमिटेड (2020) शामिल हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले आठ साल में एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (2020), एनएसआइसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड (2020), राजगढ़ ट्रांसमिशन लिमिटेड (2020) और सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (2016) का भी गठन हुआ है। तीन-तीन सीपीएसई का गठन छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में हुआ है। वहीं झारखंड में देवघर एयरपोर्ट लिमिटेड सहित चार नए सार्वजनिक उपक्रम बने हैं। कर्नाटक में पाच, केरल में तीन, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो और पंजाब और तेलंगाना में एक-एक सीपीएसई का गठन हुआ है।