देश के विभिन्न् हिस्सों में लोगों को झांसे में लेकर उनके खाते से लाखों रुपये उड़ाने वाले शातिर अपराधी साइबर ठगी के लिए नए-नए नुस्खे आजमा रहे हैं। पिछले दिनों हरियाणा के फरीदाबाद में ठगी करने के बाद झारखंड में पकड़े गए जामताड़ा के ठगों ने पुलिस को बताया है कि वे ई-सिम के नाम पर ठगी कर रहे थे। ये ठग झारखंड, बिहार, बंगाल, पंजाब और हरियाणा के सैंकड़ों बैंक खातों तक अपनी पहुंच बना चुके हैं।
फरीदाबाद में ठगी के मामले में जामताड़ा से पकड़े गए अजय मंडल, भरत कुमार मंडल, शत्रुघ्न मंडल व नरेंद्र मंडल को पूछताछ के बाद फरीदाबाद में जेल भेज दिया गया है। इन आरोपियों ने बताया कि ई-सिम का कांसेप्ट नया है, इसलिए लोग इसके चक्कर में आसानी से झांसे में आ जाते हैं। टेलीकॉम कंपनी का कर्मी बनकर कॉल करते हैं और लोगों से उनके मोबाइल व सिम की गुप्त जानकारियां हासिल कर लेते हैं। इसके बाद डुप्लीकेट सिम जारी करा लेते हैं। अब एटीएम कार्ड और खाते से ट्रांजेक्शन का ओटीपी भी ठगों के पास ही पहुंचता है।
पुलिस के अनुसार ठग फोन कर व मोबाइल या कम्प्यूटर पर लिंक भेजकर ई-सिम अपग्रेड करने के नाम पर डिटेल हासिल करते हैं। पिछले दिनों ठगों ने चार्मवुड विलेज फरीदाबाद निवासी मुनीश कुमार जैन से ई-सिम अपग्रेड करने के नाम पर विवरण हासिल कर उनके खाते से 2.30 लाख रुपये उड़ा लिए थे। फरीदाबाद पुलिस ने देवघर से तीन और जामताड़ा से एक साइबर अपराधी गिरफ्तार किया था।
यह है ई- सिम
दरअसल, कुछ मोबाइल कंपनियों ने अपने लेटेस्ट वर्जन के मोबाइल फोन में ई-सिम का विकल्प दिया है। इसमें अलग से सिम कार्ड डालने की जरूरत नहीं पड़ती। सिम कार्ड मोबाइल के अंदर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध हो जाता है। इसी नई तकनीक को ठगों ने लोगों के बैंक खातों में सेंध लगाने का जरिया बनाया है। बहुत दिनों तक इन्होंने 3जी सिम को 4जी में अपग्रेड कराने के नाम पर लोगों के डिटेल लेकर ठगी की थी।