वाराणसी की तर्ज पर कोलकाता में भी गुरुवार से गंगा आरती शुरू हुई। 15 पुजारियों की मौजूदगी में विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुगली नदी के किनारे शाम में कोलकाता के बाजेकदमतल्ला गंगा घाट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी मां गंगा की आरती उतारीं और संस्कृत के कुछ श्लोक भी पढ़े। ममता ने इस मौके पर यहां मां गंगा की एक मूर्ति का भी अनावरण किया।
ममता ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि मां गंगा सबकी रक्षा करें। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब हर दिन यहां सर्दियों में शाम छह बजे से और गर्मियों में शाम सात बजे से एक घंटे तक गंगा आरती की जाएगी। बंगाल से भी कई लोग गंगा आरती देखने वाराणसी जाते हैं, लेकिन अब लोगों को यहीं पर यह देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोलकाता नगर निगम ने यहां गंगा आरती कराने का पूरा प्रबंध किया है। आरती के लिए अलग मंच मनाया गया है, लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
विपक्ष ने बताया वोट बैंक की सियासत
राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने ममता द्वारा गंगा आरती शुरू करने के कदम पर कहा कि मुस्लिम समुदाय के प्रति नरम रवैया अपनाने वाली तृणमूल सुप्रीमो की यह हिंदू वोट बैंक को लक्ष्य करने की एक सियासी रणनीति है। पार्टी ने साथ ही कहा कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में गंगा घाटों पर होने वाली आरती को देखने के बाद मुख्यमंत्री इसका नकल करने के लिए कोलकाता में आरती शुरू की है। वहीं, कांग्रेस व वाम दलों ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आरती नाटक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए है।