काला सागर में मार गिराए गए अमेरिकी सर्विलांस ड्रोन रीपर का मलबा अभी अमेरिका की नौसेना को नहीं मिला है। वैसे काला सागर की रूसी नौसेना ने नाकेबंदी कर रखी है लेकिन सागर के ऊपर जिस आकाशीय क्षेत्र में ड्रोन को नीचे गिराने की घटना हुई-वह अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र है। इस बीच अमेरिकी सेना ने मंगलवार को ड्रोन गिराए जाने की घटना का वीडियो जारी किया है। 40 सेकेंड के इस वीडियो में रूसी लड़ाकू विमान ड्रोन को घेरते और उस पर तेल गिराते दिखाई दे रहे हैं।
एक वर्ष से ज्यादा समय से जारी यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका और रूस के बीच पहली बार सीधे टकराव वाली घटना हुई है। यह घटना रूस के कब्जे वाले क्रीमिया प्रायद्वीप के नजदीक हुई है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने जहां इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस घटना से अपना संबंध होने से इन्कार किया है। इस बीच अमेरिकी सेनाओं के प्रमुख जनरल मार्क मिली ने कहा है कि काला सागर में गिरा ड्रोन पानी की गहराई में चला गया है इसलिए अभी तक उसका मलबा प्राप्त नहीं हुआ है। मलबा खोजने में अभी कई दिन और लग सकते हैं क्योंकि उसके चार हजार से पांच हजार फीट की गहराई में जाने की आशंका है।
अमेरिका को ड्रोन का मलबा रूसी नौसेना के हाथ लगने की भी शंका है। इससे उसकी संवेदनशील सर्विलांस तकनीक रूस की जानकारी में आ जाएगी। रूस ने कहा है कि ड्रोन का मलबा उसे नहीं मिला है, अगर मिलेगा तो उसे अमेरिका को सौंप दिया जाएगा। जनरल मिली ने कहा है कि ड्रोन के प्रोपेलर से रूसी विमान के डैने के टकराने की घटना सुनियोजित थी या नहीं, अभी नहीं कहा जा सकता। जनरल मिली ने यह बात अपने रूसी समकक्ष जनरल वालेरी गेरासिमोव के साथ फोन पर वार्ता के बाद कही है। दोनों महाशक्तियों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच ऐसी वार्ता बीते कई दशकों में नहीं हुई है।