पर्याप्त नींद न लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जाता है। एक नए अध्ययन में बताया गया है कि रात में पांच घंटे से कम नींद लेने वालों को सात से आठ घंटे नींद लेने वालों की अपेक्षा पेरिफेरल आर्टेरी डिजीज (पीएडी) का खतरा 74 प्रतिश्ात तक बढ़ जाता है। पीएडी से पीड़ित होने पर पैर की धमनियों में वसा व कोलेस्ट्रोल के जमाव से रक्त प्रवाह बाधित होता है जिससे हम हार्ट अटैक व स्ट्रोक तक के शिकार हो सकते हैं।
शोध का निष्कर्ष यूरोपीय हर्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनिया भर में 20 करोड़ से अधिक लोग पीएडी से पीड़ित हैं। शोध के लेखक स्वीडन के कारोलिस्का इंस्टीट्यूट के शुआइ युआन ने कहा, हमारा अध्ययन पीएडी के खतरे को कम करने के लिए हर रात सात से आठ घंटे की नींद लेने का सुझाव देता है।
अगर हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो हम पीएडी जैसी हृदय संबंधी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में साढ़े छह लाख से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया। उन्होंने पहले उनके सोने के समय पर निगरानी की और दूसरे भाग में उनके आनुवंशिक आंकड़ों का परीक्षण किया। युआन ने कहा कि विश्लेषण में पीएडी और कम नींद के बीच संबंध पाया गया। हालांकि, रात में ज्यादा सोने, दिन में झपकी लेने और पीएडी के बीच संबंध को लेकर अभी और अध्ययन की जरूरत है।