एक ताजा अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन डी के ज्यादा सेवन से प्रीडायबिटीज होने का खतरा कम हो सकता है। क्लीनिकल परीक्षणों में यह बात सामने आई है। एनल्स आफ इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में दुनिया भर के 37.4 करोड़ से अधिक प्रीडायबिटीज पीड़ितों को शामिल किया गया।
विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो कुछ खाद्य पदार्थों में पूरक के रूप में उपलब्ध होता है। इसे हम सूर्य की पराबैंगनी किरणों से भी प्राप्त करते हैं। विटामिन डी शरीर में कई कार्य करता है, जिनमें इंसुलिन स्राव और ग्लूकोज चयापचय (मेटाबोलिज्म) में भूमिका शामिल है। शोधकर्ताओं ने कहा कि विश्लेषण के दौरान रक्त में विटामिन डी के निम्न स्तर और डायबिटीज के उच्च जोखिम के बीच संबंध पाया गया है।
अमेरिका में टफ्ट्स मेडिकल सेंटर की टीम ने डायबिटीज के जोखिम पर विटामिन डी पूरक प्रभावों की तुलना करते हुए तीन क्लीनिकल परीक्षणों की एक व्यवस्थित समीक्षा की। तीन साल के फालोअप के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि शुरुआती डायबिटीज वाले 22.7 प्रतिशत लोग जिन्हें बिटामिन डी दिया गया और 25 प्रतिशत वे लोग जिन्हें प्लेसबो दिया गया, उनमें सापेक्ष रूप से डायबिटीज का जोखिम 15 प्रतिशत कम पाया गया। शोध से पता चलता है कि सस्ते विटामिन डी सप्लीमेंट से एक करोड़ से अधिक लोगों में डायबिटीज विकसित होने में देरी हो सकती है।