अमूमन लोग कमरे की लाइट बंद करके सोने जाते हैं। अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में शोध करने वाले विज्ञानियों ने इस आदत को गर्भवती महिला के लिए लाभप्रद बताया है। उनका कहना है कि अगर गर्भवती महिला सोने से तीन घंटे पहले कमरे की लाइट बंद या मंद कर दे तो गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का खतरा बेहद कम हो जाता है। विज्ञानियों का कहना है कि इसमें कंप्यूटर और स्मार्ट फोन से आने वाली रोशनी भी शामिल है।
अध्ययन में पाया गया कि गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की शिकार महिलाओं को सोने से पहले तीन घंटे में अधिक रोशनी का सामना करना पड़ा था। अमेरिका में 2011 और 2013 के बीच आठ क्लिनिकल केंद्रों पर 741 महिलाओं का उनके दूसरे ट्राइमेस्टर में अध्ययन किया गया था। साथ ही उनपर रोशनी के प्रभाव को जांचा गया था।
शोधकर्ता किम ने कहा कि यह बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था में मधुमेह प्रसूति संबंधी जटिलताओं को बढ़ा देता है। इससे मां को हृदय रोग और डिमेंशिया का खतरा होता है। संतान के बड़े होने पर भी मोटापा और उच्च रक्तचाप की संभावना अधिक होती है। उन्होंने ऐसी महिलाओं को सलाह दी है कि बिस्तर पर जाने से तीन घंटे पहले अपने आसपास की रोशनी को कम करने की कोशिश करें।