सरगुजा के लुंड्रा विकासखंड के लमगांव में एक अद्भुत हनुमान मंदिर है। नेशनल हाईवे पर बसे लमगांव में एक बजरंगबली का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा अपने आप बढ़ती जा रही है। इस रचमत्कार के चर्चे दूर-दूर तक पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि लोग लमगांव में हनुमान जी के दर्शन को यहां पहुंचते हैं।
मंदिर के पुजारी रमाकांत तिवारी बताते हैं “पहले जो यहां मुख्य पुजारी थे, उन्होंने ही इस मंदिर की स्थापना की थी। यहां 80 वर्ष पहले एक पेड़ के नीचे करीब 1 फिट की बजरंगबली की प्रतिमा दिखी थी। तभी से बजरंगबली का पूजन पेड़ के नीचे किया जाने लगा। धीरे-धीरे लोगों ने यहां भव्य मंदिर बनवा दिया। पेड़ सूख गया, लेकिन बजरंगबली आज भी उसी स्थान पर विराजमान हैं। बजरंगबली की अद्भुत महिमा तब लोगों को अचरज में डाल देती है, जब उन्हें यह पता चलता है कि 1 फिट से भी छोटी प्रतिमा इतने वर्षों में बढ़कर साढ़े तीन फीट से अधिक ऊंची हो चुकी है। यानी बजरंगबली की मूर्ति की लंबाई बढ़ रही है। ”
पत्थर की मूर्ति का आकार बढ़ने पर साइंस के अपने दावे हो सकते हैं, लेकिन सनातन धर्म को मनाने वाले लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं समझते हैं। कलयुग में भगवान के होने का प्रमाण इसे माना जाता है। दूर दूर से भक्त बजरंगबली के दर्शन को यहां आते हैं। अगर आप भी लमगांव के बजरंगबली के दर्शन करना चाहते हैं तो रायगढ़ अम्बिकापुर मार्ग पर अम्बिकापुर से 17 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर ही मंदिर का पहला द्वार आपको दिख जाएगा. इस द्वार से आगे बढ़ने पर लगभग 2 किलोमीटर अंदर जाने के बाद आप हनुमान मंदिर पहुंच सकते हैं।