भोपाल-मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जारी सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव के नाम पर मुहर लग गई है। भाजपा की विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से इनके नाम को मुहर लगी। इससे पहले भाजपा आलाकमान ने मनोहर लाल खट्टर, डॉ. के लक्ष्मण और आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक बनाकर सीएम चुनने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम को फाइनल किया गया। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। इनके लिए जो दो नाम सामने आ रहे हैं, वे हैं- जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेंद्र शुक्ला रीवा से विधायक हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का एलान किया गया है
मोहन यादव से एमपी ही नहीं यूपी और बिहार भी साधा
मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ भाजपा ने एक साथ कई राजनीतिक समीकरणों को साध लिया है। खास तौर से उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे यादव बाहुल्य इलाकों में भाजपा ने कई स्थानीय पार्टियों के सियासी समीकरण बिगाड़ दिए। सियासी जानकार मानते हैं कि मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री का नाम आने वाले लोकसभा के चुनाव के लिहाज से भाजपा के लिए एक बड़ा पॉलिटिकल शॉट माना जाएगा। खास तौर से तब जब जातीय जनगणना कराए जाने की लगातार मांग हो रही है। बिहार में जातीय जनगणना के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था भी लागू कर दी गई है। ऐसे माहौल में एक बार फिर से पिछड़े समुदाय के मुख्यमंत्री को रिप्लेस कर यादव और पिछड़े समुदाय के ही व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने का सियासी मकसद भी साफ है।