मध्य प्रदेश के बैतूल में एक महीने के दौरान धर्मान्तरण से जुड़ा तीसरा और अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। यहां शहर के एक मिशनरी स्कूल में मसीही समाज की धर्मसभा में 400 से ज्यादा हिन्दू शामिल हुए थे। पिछले छह महीनों से यहां धर्मसभाएँ हो रही थीं। सुबह जब बजरंग दल कार्यकर्ता स्कूल में दाखिल हुए तो वहां भगदड़ मच गई। इसका विडियो भी सामने आया है।पुलिस धर्मसभा में शामिल हुए लोगों और ईसाई धर्मगुरुओ को थाने लाई, जहां उनसे पूछताछ की गई है, लेकिन अभी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
बैतूल के सदर स्थित मिशनरी स्कूल में पिछले छह महीनों से मसीही धर्मसभाएँ हो रही रही हैं।हिन्दू संगठनों को इसकी सूचना मिली तो बड़ी संख्या में वो स्कूल में दाखिल हुए। बजरंग दल कार्यकर्ताओं को देख वहां भगदड़ मच गई। स्कूल के कई कमरों में अलग अलग प्रार्थना सभाएं चल रही थीं। बजरंग दल कार्यकर्ताओं की मिशनरी के लोगों से जमकर बहस हुई। बैतूल जिले में धर्मान्तरण का एक महीने में ये तीसरा बड़ा मामला है, जब ईसाई मिशनरियों के लोग हिन्दू और जनजातीय समुदाय को लेकर धर्मसभा करते पकड़े गए हैं। जिस जगह ये धर्मसभा हो रही थी वहां के कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि मिशनरी के लोग रात में झुग्गी बस्तियों में घूमकर लोगों को प्रलोभन देकर धर्मसभाओं में बुलाते हैं।
धर्मसभाओं में लगातार जाने वाले कई हिन्दुओ के सुर पूरी तरह से बदल चुके हैं । उनका कहना है कि उनकी बीमारियां और परिवार की हालत धर्मसभाओं में जाने से सुधर गई इसलिए वो अपनी मर्जी से यहां जाते हैं। पुलिस ने धर्मसभा में शामिल लोगों और मिशनरी के पदाधिकारियों को थाने लाकर उनसे पूछताछ की है साथ ही बजरंग दल कार्यकर्ताओ द्वारा दिये दस्तावेज और वीडियो फुटेज लेकर भी जांच कर शुरू की है। अब तक मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। लगातार इस तरह के मामले उजागर होने के बाद ये तो साफ दिख रहा है कि जनजातीय बाहुल्य बैतूल जिला ईसाई मिशनरियों के निशाने पर है और हिन्दुओं को धर्मसभाओं में बुलाकर उनका ब्रेन वाश भी किया जा रहा है, लेकिन मिशनरियों के खिलाफ एक्शन लेने में कई तरह की कानूनी अड़चने हैं, जिनकी वजह से मिशनरियों पर सख्त कार्यवाही करना मुश्किल हो जाता है।