
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस में रहने वाली एक महिला एमी डूप्रे ने 1944 में उनकी मां के साथ दुष्कर्म पर पहली बार बात की। 99 साल की एमी ने अपनी मां की एक चिट्ठी दिखाई। इसमें उन्होंने अमेरिकी सैनिकों के दुष्कर्म करने से जुड़ी सारी बातें बताई हैं, जिससे सालों बाद भी फ्रेंच महिलाओं पर हुए जुल्मों को भूला न जा सके।
जून 1944 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस ने मिलकर यूरोप को नाजी जर्मनी के कब्जे से छुड़वाने की शुरुआत की थी। इसके लिए वे फ्रांस के नॉर्मंडी पहुंचे थे। इसे ऑपरेशन ओवरलोड नाम दिया गया था। जिस दिन सैनिक नॉर्मंडी पहुंचे उसे डी-डे कहा जाता है। एमी उस वक्त 19 साल की थीं। बाकी लोगों की तरह ही वह भी अमेरिकी सैनिकों को देखकर खुश हुईं। हालांकि, यह खुशी कुछ ही समय तक रही। 10 अगस्त, 1944 को 2 अमेरिकी सैनिक एमी के परिवार के खेत पर पहुंचे। वे नशे में थे और उन्हें एक महिला चाहिए थी।
अपनी मां के खत को पढ़ते हुए एमी ने बताया कि सैनिकों ने मेरे पिता की तरफ गोली चलाई। इसके बाद वे मेरी तरफ बढ़ने लगे। मुझे बचाने के लिए मां सैनिकों के साथ जाने को तैयार हो गईं। अमेरिकी सैनिक उन्हें एक मैदान में ले गए, जहां उन्होंने करीब 8 बार उनसे दुष्कर्म किया। इस दौरान हम अपने घर में इंतजार कर रहे थे। हम नहीं पता कि सैनिक मां को जीवित छोड़ेंगे या उनकी हत्या कर दी जाएगी।”