
रायपुर, 06 जुलाई 2024: राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने आज प्रेसवार्ता में राज्य में चलाए जा रहे राजस्व पखवाड़ा, राजस्व प्रकरणों एवं अन्य राजस्व विषयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप राज्य में सुशासन स्थापित करने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आमजनों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राजस्व पखवाड़ा के दौरान 6 से 20 जुलाई तक सभी जिलों के ग्रामों में शिविर लगाए जाएंगे।
इन शिविरों में बी-1, खसरा के नकल एवं किसान किताबों के आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। साथ ही आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र संबंधी समस्त आवेदनों को लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाईन प्रविष्टि एवं शत-प्रतिशत निराकरण किया जाएगा। शिविर में प्राप्त होने वाले फौती नामांतरण, बटवारा, त्रुटि सुधार के प्रकरणों का मौके पर ही ऑनलाईन अपलोड कर हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन, पंचनामा आदि की प्रविष्टि कर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
वर्तमान में राज्य में 7 लाख 4 हजार 154 दर्ज प्रकरणों में से 5 लाख 90 हजार 490 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निराकृत करने के निर्देश संबंधित राजस्व अधिकारियों को दिए गए हैं।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत राजस्व विभाग की 25 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। इनमें नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, व्यपवर्तन, ऋण पुस्तिका, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, अपील, पुनरीक्षण, पुनर्विलोकन के मामले, त्रुटि सुधार, और राजस्य पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति पर आर्थिक सहायता के प्रकरण शामिल हैं। विवादित प्रकरणों के निराकरण हेतु सभी राजस्व अधिकारी नियमित रूप से न्यायालय में आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन कर गुणवत्ता युक्त निर्णय यथाशीघ्र सुनिश्चित करेंगे।
राजस्व मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 143 करोड़ 54 लाख रूपए की राशि जारी की गई है। अब बैंक खाते, यूपीआई आईडी और नेट बैंकिंग के माध्यम से भू-राजस्व जमा किया जा सकता है। राजस्व न्यायालय के सभी पीठासीन अधिकारियों को सभी राजस्व प्रकरणों को पंजीकृत करने, शून्य आदेश पत्र वाले प्रकरणों एवं ऐसे प्रकरण जिनमें पेशी तारीख की तिथि अद्यतन नहीं की गई है, उन्हें शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
स्वामित्व योजना के तहत राज्य के सभी ग्रामों की आबादी भूमि का ड्रोन से सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अक्टूबर 2024 तक सभी ग्रामों के आबादी भूमि धारकों को अधिकार अभिलेख वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
डिजिटल क्रॉप सर्वे हर मौसम में उगाई फसल का रिकॉर्ड रखने हेतु जियो टैगिंग के माध्यम से फील्ड में जाकर ही फसल सर्वेक्षण (गिरदावरी) मोबाईल एप के माध्यम से किया जा रहा है। जियो-रिफ्रेंसिंग प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना अंतर्गत राज्य के सभी राजस्व ग्रामों के पटवारी नक्शा का जियो रिफ्रेंसिंग कर डाटा निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए चिप्स को तकनीकी एजेंसी नियुक्त किया गया है।