
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख और वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील अंबेकर ने मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर हो रहे विवाद और हिंसा पर गहरी निराशा जताई है और कहा है कि आज के दौर में औरंगजेब की प्रासंगिकता नहीं है, फिर भी लोग उसके नाम और कब्र के विवाद पर आपस में क्यों उलझ रहे हैं।
उनका यह बयान नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग और विरोध-प्रदर्शन के बाद फैली हिंसा के बाद आया है। बता दें कि पिछले दिनों औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद दो समुदायों के बीच हुई झड़पों में 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं। अभी भी नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
अंबेकर ने कहा, सवाल यह है कि अगर औरंगजेब आज भी प्रासंगिक है, तो क्या कब्र हटा दिया जाना चाहिए? जवाब यह है कि वह प्रासंगिक नहीं है। किसी भी तरह की हिंसा समाज के हित के लिए अच्छी नहीं है। औरंगजेब 17वीं सदी का एक मुगल शासक था, जो ध्रुवीकरण के लिए जाना जाता है। बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ हफ्तों खासकर छावा फिल्म के प्रदर्शन के बाद से औरंगजेब को लेकर विवाद गरमाया हुआ है।