
जोधपुर सेंट्रल जेल में नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाते हुए 30 जून तक के लिए मंजूरी दे दी है।
जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान आसाराम के वकील निशांत बोडा ने इलाज पूरा करने के लिए जमानत अवधि बढ़ाने की गुहार लगाई। उन्होंने दलील दी कि आसाराम ने जमानत की शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। सरकारी पक्ष ने भी अपनी बात रखी, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
अंतरिम जमानत खत्म होने पर आसाराम ने 1 अप्रैल को दोपहर 1:30 बजे जोधपुर जेल में आत्मसमर्पण किया था। हालांकि, इसके कुछ घंटों बाद रात 11:30 बजे उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने भी स्वास्थ्य आधार पर उन्हें तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी। उसी निर्णय का हवाला देकर राजस्थान हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी। इस फैसले से आसाराम को इलाज के लिए अब अतिरिक्त समय मिल गया है।